स्वास्थ्य

IIT BHU छात्र की हार्ट अटैक से मौत, क्यों बढ़ रहा युवाओं में दिल का खतरा?

BHU student Heart Attack: बीएचयू के छात्र की हार्ट अटैक से मौत ने युवाओं में दिल की बीमारियों का खतरा उजागर किया। जानें हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।

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Sep 03, 2025
BHU student Heart Attack -symbolic (photo- chatgtp)

BHU student Heart Attack: हार्ट अटैक अब सिर्फ उम्रदराज लोगों की बीमारी नहीं रह गई है। इसकी जद में अब युवा भी आ रहें हैं। दरअसल, वाराणसी के आईआईटी बीएचयू से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष के छात्र अनूप सिंह चौहान की हार्ट अटैक से अचानक मौत हो गई।

अनूप सिंह आजमगढ़ के रहने वाले थे। बुधवार सुबह उन्हें तबियत बिगड़ने पर हॉस्टल के साथियों ने बीएचयू इमरजेंसी लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। छात्र पीसी रे हॉस्टल में कमरा नंबर 113 में रह रहे थे। घटना से परिसर में गम का माहौल है और सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा क्यों तेजी से बढ़ रहा है।

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युवाओं में हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा

पहले हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह समस्या युवाओं में तेजी से देखने को मिल रही है। 20 से 30 साल के उम्र वर्ग में अचानक दिल का दौरा पड़ने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव, असंतुलित दिनचर्या, फास्ट फूड, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों में कमी इसके बड़े कारण हैं।

हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत

युवाओं में अचानक हार्ट अटैक आने से अक्सर लोग चौंक जाते हैं, लेकिन इसके कुछ लक्षण पहले से दिखाई देने लगते हैं। जैसे सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में दिक्कत, अत्यधिक थकान, पसीना आना और चक्कर महसूस होना, दिल की धड़कन तेज होना। इन लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है।

पढ़ाई और तनाव का दबाव

इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसी पढ़ाई करने वाले छात्रों में मानसिक दबाव काफी बढ़ा हुआ रहता है। नींद की कमी, अनियमित खान-पान और लगातार स्ट्रेस दिल पर नकारात्मक असर डालते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर तनाव लगातार बना रहे तो यह हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है।

बचाव कैसे करें?

यदि आप इस गंभीर बीमारी से बचना चाहते हैं तो रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज या योग करें, संतुलित आहार लें, तैलीय और जंक फूड से बचें, पर्याप्त नींद लें और रात जागने की आदत से बचें, स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें ध्यान, मेडिटेशन या हॉबी अपनाएं। सााथ ही सालाना हेल्थ चेकअप कराएं, खासकर दिल की जांच करवा लें।

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