स्वास्थ्य

Measles Outbreak : खसरे की वापसी, 1997 के बाद इस देश में सबसे बड़ा प्रकोप, WHO की चेतावनी

WHO measles warning : यूरोप में खसरे का कहर जारी है, 2024 में मामलों में खतरनाक उछाल देखा जा रहा है। WHO खसरे के मामलों में खतरनाक वृद्धि की चेतावनी जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि टीकाकरण ही खसरे सबसे अच्छा और प्रभावी बचाव है।

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Mar 15, 2025
Measles Outbreak Since 1997 in Europe’ Measles vaccine WHO Sounds Alarm

Measles outbreak in Europe 2024 : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में यूरोप में खसरे के मामलों में खतरनाक वृद्धि की जानकारी दी है। 2024 में खसरे के मामले दोगुने हो गए हैं, जो 1997 के बाद से सबसे अधिक हैं। डब्ल्यूएचओ ने इस बढ़ोतरी को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण की आवश्यकता पर बल दिया है।

खसरे के आंकड़े: Measles statistics:

यूरोप में सबसे अधिक प्रभावित देशडब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के संयुक्त विश्लेषण के अनुसार, 2023 में यूरोप में कुल 127,350 खसरे के मामले दर्ज किए गए थे। 2024 में यह आंकड़ा और भी बढ़ने की संभावना है। सबसे अधिक प्रभावित देशों में रोमानिया (30,000 मामले) और कजाकिस्तान (28,147 मामले) शामिल हैं।

इंग्लैंड में अस्पताल में भर्ती होने की बढ़ती दर

ब्रिटिश सोसायटी फॉर इम्यूनोलॉजी के प्रमुख डॉ. डग ब्राउन के अनुसार, इंग्लैंड में संक्रमित पांच में से एक बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इससे स्पष्ट होता है कि खसरा केवल एक आम बीमारी नहीं है, बल्कि गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है।

खसरे के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव

खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो सांस लेने, खांसने या छींकने से फैलती है। यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है, जिनमें निमोनिया, एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन), दस्त, निर्जलीकरण और अंधापन शामिल हैं। इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, जिससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

खसरा: लक्षण और उपचार Measles symptoms and treatment

Measles symptoms and treatment

खसरे के मुख्य लक्षण

खसरा एक अत्यधिक संक्रामक वायरस जनित रोग है, जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण संक्रमण के 10-14 दिनों के भीतर प्रकट होते हैं।

तेज़ बुखार – 104°F (40°C) तक जा सकता है।

खांसी और नाक बहना – शुरुआती संकेतों में शामिल।

गले में खराश – निगलने में कठिनाई हो सकती है।

लाल, पानी भरी आँखें (कंजंक्टिवाइटिस) – आँखों में जलन और रोशनी से संवेदनशीलता।

कोपलिक स्पॉट्स (Koplik's Spots) – गालों के अंदर सफेद दाने, जो खसरे की खास पहचान होते हैं।

पूरे शरीर पर लाल दाने – आमतौर पर बुखार के 3-5 दिनों बाद चेहरे से शुरू होकर शरीर में फैलते हैं।

थकान और भूख न लगना – संक्रमित व्यक्ति बेहद कमजोर महसूस कर सकता है।

खसरे का उपचार Treatment of measles

खसरे का कोई विशिष्ट एंटीवायरल इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

पर्याप्त आराम – शरीर को आराम देने से रिकवरी तेज होती है।
हाइड्रेशन (पर्याप्त पानी पीना) – बुखार और निर्जलीकरण से बचने के लिए अधिक तरल पदार्थ लें।

बुखार कम करने के लिए दवा – डॉक्टर की सलाह पर पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन ले सकते हैं।

विटामिन A सप्लीमेंट – खसरे से होने वाली जटिलताओं को कम करने में मदद करता है।

आँखों की देखभाल – रोशनी से बचाव और आँखों को साफ पानी से धोना फायदेमंद हो सकता है।

संक्रमण से बचाव – संक्रमित व्यक्ति को दूसरों से अलग रखना जरूरी है, क्योंकि यह बहुत तेजी से फैलता है।

खसरे से बचाव का सबसे अच्छा तरीका The best way to prevent measles

टीकाकरण: सबसे प्रभावी सुरक्षा

WHO का कहना है कि खसरे से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। हालांकि, 2023 में पूरे यूरोप में 500,000 से अधिक बच्चे अपने पहले खसरा टीके (एमसीवी1) की खुराक से वंचित रह गए।

डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस पी. क्लुज ने कहा, "उच्च टीकाकरण दरों के बिना, कोई स्वास्थ्य सुरक्षा संभव नहीं है। हर देश को कम टीकाकरण वाले समुदायों तक पहुंचने के प्रयासों को बढ़ाना चाहिए।"

टीकाकरण (Vaccination) ही सबसे प्रभावी बचाव है। WHO के अनुसार, MMR (Measles, Mumps, Rubella) वैक्सीन खसरे से 97% तक सुरक्षा प्रदान करती है।

खसरा और उसका इतिहास

1963 में खसरे के टीके की शुरुआत से पहले, दुनिया भर में हर दो से तीन साल में खसरे की बड़ी महामारी फैलती थी, जिससे हर साल लगभग 2.6 मिलियन मौतें होती थीं। 2023 में अनुमानित 107,500 लोग खसरे से मारे गए, जिनमें से अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चे थे।

सतर्कता और टीकाकरण जरूरीखसरा एक गंभीर बीमारी है, जिसका व्यापक प्रभाव हो सकता है। इसे रोकने के लिए सबसे जरूरी कदम टीकाकरण है। सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को इस दिशा में ठोस प्रयास करने चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस घातक बीमारी से बचाया जा सके।

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