स्वास्थ्य

New Diabetes Type : बच्चों में मिली डायबिटीज की नई जेनेटिक किस्म, भारत-अमेरिका के वैज्ञानिकों ने खोजा डायबिटीज का नया रूप

MODY Diabetes in Children : भारतीय और अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मिलकर एक नई किस्म की डायबिटीज़ खोजी है, जो खास तौर पर बच्चों और किशोरों में पाई जाती है। इसे MODY (Maturity-Onset Diabetes of the Young) कहा जाता है, और यह आनुवांशिक (genetic) कारणों से होती है।

2 min read
May 13, 2025
New Diabetes Type

New Diabetes Type : चेन्नई में एक हॉस्पिटल है जिसका नाम है मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF)। इन्होंने अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक कमाल की खोज की है। इन्होंने पता लगाया है कि डायबिटीज का एक नया प्रकार भी होता है। ये खासकर उस तरह की डायबिटीज से जुड़ा है जो बच्चों या किशोरों में होती है और जो हमें अपने माता-पिता से मिलती है (जिसे MODY कहते हैं)।

New Diabetes Type : ABCC8 नामक जीन में नई गड़बड़ी

इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने एक खास जीन ABCC8 में बदलाव (Mutation) पाया है, जो इंसुलिन बनाने वाली पैंक्रियाज की बीटा कोशिकाओं के लिए जरूरी होता है।
इस जीन में बदलाव के कारण बच्चों में पहले लो शुगर (कम ब्लड शुगर) की समस्या (Congenital Hyperinsulinism) होती है और बाद में उम्र बढ़ने पर डायबिटीज़ हो जाती है।

एक ही जीन, लेकिन अलग-अलग असर

रिसर्च में ये भी पता चला कि एक ही जीन में अलग-अलग प्रकार के बदलाव, अलग-अलग तरह की बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं।

कुछ बदलाव ज़्यादा इंसुलिन बनाते हैं - हाइपोग्लाइसीमिया (कम शुगर)

कुछ बदलाव कम इंसुलिन बनाते हैं - डायबिटीज़ (ज़्यादा शुगर)

टाइप 2 Diabetes पर शोध में खुलासा

क्यों जरूरी है जेनेटिक टेस्टिंग?

डॉ. वी. मोहन का कहना है कि इस तरह की बीमारियों को सही से पहचानने के लिए जेनेटिक और लैब टेस्टिंग जरूरी है।
सभी MODY मरीजों को एक जैसा इलाज नहीं दिया जा सकता। जैसे, इस नई किस्म के MODY में Sulphonylurea दवाएं असर नहीं करतीं, जबकि दूसरी किस्मों में ये असरदार होती हैं।

इलाज अभी नहीं, पर पहचान से मदद

फिलहाल इस तरह के डायबिटीज़ को रोका नहीं जा सकता क्योंकि ये जन्मजात जीन दोष के कारण होते हैं।
लेकिन यदि परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो, या बच्चों में लो शुगर के लक्षण दिखें, तो समय रहते पहचान कर इलाज शुरू किया जा सकता है।

डायबिटीज़ में भी चाहिए पर्सनल ट्रीटमेंट

जैसे कैंसर का इलाज अब उसकी मॉलिक्यूलर प्रोफाइल देखकर किया जाता है, वैसे ही डायबिटीज़ का भी व्यक्तिगत (Precision) इलाज जरूरी है। यह स्टडी उसी दिशा में पहला कदम है।

Also Read
View All

अगली खबर