Ovarian Cancer: हाल के कुछ वर्षों में डॉक्टरों ने देखा है कि ओवरी कैंसर अब 40–50 साल की महिलाओं में भी सामने आ रही है। यह बदलाव मेडिकल फील्ड के लिए चिंता का कारण है।
Ovarian Cancer Warning Signs: ओवरी कैंसर को लंबे समय तक एक ऐसी बीमारी माना जाता रहा, जो ज्यादातर बुज़ुर्ग महिलाओं में पाई जाती थी। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में डॉक्टरों ने देखा है कि यह बीमारी अब 40–50 साल की महिलाओं में भी सामने आ रही है। यह बदलाव मेडिकल फील्ड के लिए चिंता का कारण है और एक बड़ा सवाल खड़ा करता है आखिर युवा महिलाओं में ओवरी कैंसर तेजी से क्यों बढ़ रहा है? जानिए ओवरी कैंसर के लक्षण और बचाव के तरीकों से जुड़ी पूरी जानकारी।
मुंबई की 54 वर्षीय महिला को लंबे समय तक हल्का पेट दर्द और भारीपन होता रहा, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। जब जांच कराई गई, तब तक एडवांस स्टेज का हाई-ग्रेड सिरस ओवरी कैंसर हो चुका था। खून में CA-125 काफी बढ़ा हुआ था और BRCA1 जीन म्यूटेशन भी पाया गया। पहले कीमोथेरेपी और फिर सर्जरी के बाद स्कैन में कोई कैंसर नहीं दिखा। चूंकि उनमें आनुवांशिक जोखिम था, इसलिए टार्गेटेड थेरेपी से इलाज जारी रहा। यह केस दिखाता है कि समय पर इलाज से एडवांस कैंसर भी काबू में लाया जा सकता है।
शहरी जीवन की तेज रफ्तार और अनियमित दिनचर्या के कारण महिलाओं में मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम तेजी से बढ़ रहे हैं। शरीर में अतिरिक्त चर्बी एस्ट्रोजन हार्मोन और सूजन को बढ़ाती है, जो ओवरी कैंसर की संभावना को ज्यादा कर देती है।
आजकल कई महिलाएं देर से शादी कर रही हैं या मां बनने का फैसला टाल रही हैं। जबकि गर्भावस्था और स्तनपान ओवरी कैंसर से सुरक्षा प्रदान करते हैं क्योंकि इस दौरान ओव्यूलेशन कम होता है और हार्मोन का असर घटता है।
Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) अब युवतियों में बहुत आम हो चुका है। लगातार अनियमित पीरियड्स और हार्मोनल असंतुलन ओवरी कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
कुछ महिलाओं में BRCA1 और BRCA2 जैसे जीन म्यूटेशन मौजूद होते हैं, जिससे कम उम्र में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। भारत में अभी भी जेनेटिक टेस्टिंग आम नहीं है, जिसकी वजह से कई महिलाएं इस खतरे से अनजान रहती हैं।
प्रदूषण, तनाव, मिलावटी भोजन और हार्मोन को प्रभावित करने वाले केमिकल्स – ये सभी कारक खासकर शहरों की महिलाओं के लिए नए खतरे पैदा कर रहे हैं।