RSV vs Common Cold: सर्दी के मौसम में हमको सर्दी-जुकाम, बुखार या खांसी होती है तो हम उसको सामान्य सर्दी का प्रभाव समझ लेते हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है। कई बार सामान्य से दिखने वाले लक्षण खतरनाक वायरस जैसे RSV के भी संकेत होते हैं। आइए जानते हैं कि सामान्य सर्दी और RSV संक्रमण एक-दूसरे से कैसे अलग हैं और कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
RSV vs Common Cold: सर्दियों में वैसे तो बीमारियां अपनी अलग तैयारी के साथ आती हैं, लेकिन काफी बार क्या होता है कि हम लोग साधारण सर्दी-खांसी के चक्कर में खतरनाक बीमारी को बुलावा दे देते हैं। वास्तव में होता क्या है कि सर्दी में होने वाली ज्यादातर बीमारियों के लक्षण दिखने में एक जैसे ही होते हैं और हम उनको साधारण समझकर सबसे बड़ी गलती कर देते हैं। ऐसी ही सर्दी में होने वाली 2 बीमारियां हैं,रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) और सामान्य सर्दी-जुकाम।
इन दोनों बीमारियों के लक्षण अक्सर एक जैसे ही होते हैं, इसलिए हम RSV जैसे गंभीर संक्रमण को भी सामान्य समझ लेते हैं। जब तक हमें पता चलता है कि यह सामान्य ठंड नहीं है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। आइए जानते हैं कि RSV वायरस और सामान्य सर्दी में क्या अंतर है, इसकी पहचान कैसे करें और ये एक-दूसरे से कैसे अलग हैं।
कॉमन कोल्ड यानी सामान्य सर्दी आमतौर पर राइनोवायरस और अन्य हल्के वायरस के कारण होती है। इसमें नाक बहना और नाक बंद होना, बहुत ज्यादा छींकें आना और हल्के बुखार के साथ गले में खराश भी हो सकती है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है और यह ज्यादातर 5 से 7 दिन में ठीक भी हो जाती है। इसमें किसी विशेष इलाज की आवश्यकता नहीं होती है।
RSV एक खतरनाक वायरस होता है। इसके लक्षण शुरुआत में जुकाम जैसे ही होते हैं और यही कारण है कि लोग इसे साधारण जुकाम समझकर टाल देते हैं। इसी कमी से यह ज्यादा खतरनाक हो जाता है। लेकिन इसके बाद के लक्षणों में सीने में तेज दर्द, तेजी से सांस चलना, सीने में घरघराहट (Wheezing), सांस लेने में दिक्कत, दूध कम पीना या थकावट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह वायरस किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह एक साल से छोटे बच्चों को प्रभावित करता है।
RSV एक खतरनाक वायरस होता है जिसमें यह फेफड़ों के छोटे एयर पैसेज (ब्रोंकियोल्स) में सूजन ला देता है। इसके कारण ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया हो सकता है। इसमें ऑक्सीजन का लेवल भी काफी मामलों में बहुत कम हो जाता है और अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ जाता है। एक बार जिनमें RSV हो जाता है, तो उनमें बार-बार सांस की दिक्कत होती है और सांस के साथ घरघराहट ज्यादा होती है।
जब तेज बुखार के साथ सांसें बहुत तेज चल रही हों, सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो और आपको बहुत ज्यादा थकान और सुस्ती का एहसास हो रहा हो। होंठ नीले पड़ने और त्वचा पर पीलेपन की स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से न आजमाएं, बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।