स्वास्थ्य

Rift Valley Fever: रिफ्ट वैली फीवर से 18 लोगों की मौत, जानिए क्या है यह खतरनाक बीमारी और कैसे बचें

Rift Valley Fever: सेनेगल में रिफ्ट वैली फीवर से 18 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। जानिए क्या है यह वायरस, कैसे फैलता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

3 min read
Oct 11, 2025
Rift Valley Fever (Image: Freepik)

Rift Valley Fever: अफ्रीकी देश सेनेगल इन दिनों एक खतरनाक वायरल बीमारी से जूझ रहा है। देश में रिफ्ट वैली फीवर (Rift Valley Fever) का बड़ा प्रकोप फैल गया है। जिसमें अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। यह संक्रमण मुख्य रूप से देश के उत्तरी इलाकों में फैल रहा है, जहां पशुपालन प्रमुख रूप से किया जाता है। सेनेगल के स्वास्थ्य मंत्रालय में निगरानी प्रमुख डॉ. बोली डियोप के मुताबिक, "इतनी बड़ी संख्या में मरीज पहली बार दर्ज किए गए हैं।"

ये भी पढ़ें

सिरप गलत टाइम पर पीने से हो सकता है नुकसान, जानिए Cough Syrup पीने का सही तरीका

क्या है रिफ्ट वैली फीवर?

रिफ्ट वैली फीवर एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से भेड़, बकरी और गाय जैसे पशुओं को प्रभावित करती है। यह बीमारी मच्छरों के जरिए फैलती है लेकिन यह इंसानों में भी संक्रमण फैला सकती है इसलिए इसे जूनोटिक डिजीज (Zoonotic Disease) कहा जाता है। यानी ऐसी बीमारी जो जानवरों से इंसानों में फैलती है।

इस वायरस की पहचान पहली बार 1931 में केन्या की रिफ्ट वैली में हुई थी। तब से यह बीमारी अफ्रीका के कई हिस्सों में बार-बार फैल चुकी है और कभी-कभी मध्य-पूर्व के देशों तक भी पहुंच चुकी है।

Rift Valley Fever बीमारी कैसे फैलती है?

रिफ्ट वैली फीवर का फैलाव अक्सर भारी बारिश या बाढ़ के बाद होता है। इस दौरान Aedes और Culex प्रजाति के मच्छर बड़ी संख्या में बढ़ जाते हैं जो इस वायरस के मुख्य वाहक हैं।

इंसानों में संक्रमण दो तरीकों से फैल सकता है। पहला, संक्रमित मच्छर के काटने से, और दूसरा, संक्रमित पशुओं के खून या अंगों के संपर्क में आने से, खासकर जब कोई व्यक्ति बीमार जानवर को काटता या उसका मांस तैयार करता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलती है, इसलिए अस्पतालों में सामान्य सुरक्षा उपाय ही पर्याप्त हैं।

इंसानों में रिफ्ट वैली फीवर के लक्षण क्या हैं?

इस बीमारी के लक्षण संक्रमण के 2 से 6 दिन बाद दिखाई देते हैं। ज्यादातर मामलों में यह बीमारी हल्की होती है या बिना लक्षणों के गुजर जाती है। अगर लक्षण दिखते हैं तो वे फ्लू या वायरल बुखार जैसे लगते हैं। जैसे तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, थकान और कभी-कभी उल्टी या मतली भी होती है। आमतौर पर एक हफ्ते में मरीज ठीक हो जाते हैं क्योंकि शरीर एंटीबॉडी बना लेता है और वायरस खत्म हो जाता है।

गंभीर मामलों में क्या हो सकता है?

कुछ मामलों में रिफ्ट वैली फीवर बेहद खतरनाक रूप ले लेता है। कई बार यह आंखो, दिमाग या लिवर को प्रभावित करता है। 0.5% से 2% मरीजों में आंखों की रोशनी धुंधली पड़ जाती है जबकि 1% से कम मरीजों में दिमाग में सूजन के लक्षण दिखते हैं। सबसे गंभीर रूप हैमरेजिक फीवर होता है जिसमें मरीज के लिवर को नुकसान, आंतरिक रक्तस्राव और 50% तक मौत की संभावना होती है।
ऐसे गंभीर मामलों में मृत्यु आमतौर पर तीन से छह दिनों के भीतर हो जाती है।

क्यों बढ़ रहा है खतरा?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी के फैलने के पीछे जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक बारिश अहम कारण हैं। सेनेगल के उत्तरी हिस्सों में हाल के महीनों में असामान्य बारिश और बाढ़ आई, जिससे मच्छरों के प्रजनन में तेजी आई और वायरस तेजी से फैला है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अफ्रीकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (Africa CDC) इस प्रकोप पर नजर रखे हुए हैं और स्थानीय प्रशासन को तकनीकी सहायता दे रहे हैं।

Rift Valley Fever से कैसे करें बचाव?

इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका सावधानी और रोकथाम है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पशुपालन करने वाले लोग और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग मच्छरों से बचाव पर ध्यान दें, जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, साफ-सफाई और पानी का ठहराव रोकना। इसके अलावा, संक्रमित या बीमार जानवरों के संपर्क से बचना, दस्ताने पहनना और सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।

ये भी पढ़ें

Depression in Youth: भारत के 8 प्रमुख शहरों में सर्वेक्षण, क्यों 70% युवा हो रहे हैं डिप्रेशन का शिकार?

Also Read
View All

अगली खबर