Common symptoms of Thyroid Disorder : थायराइड विकार के शुरुआती लक्षणों और संकेतों को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह शरीर के विभिन्न कार्यों को प्रभावित कर सकता है। अगर समय रहते इन लक्षणों की पहचान कर ली जाए, तो सही उपचार और देखभाल से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
Signs And Symptoms Of Thyroid Disorder : थायराइड एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो गर्दन के आधार पर स्थित होती है। यह ग्रंथि शरीर के चयापचय (मेटाबॉलिज़्म), ऊर्जा स्तर और कई महत्वपूर्ण शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाती है। जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो या तो यह बहुत कम हार्मोन बनाती है (हाइपोथायरायडिज्म) या फिर अधिक हार्मोन का उत्पादन करती है (हाइपरथायरायडिज्म)। समय पर पहचान और इलाज न होने पर ये दोनों स्थितियाँ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।
हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती। यह महिलाओं में अधिक आम है और इसके प्रमुख कारणों में हाशिमोटो थायरॉयडिटिस (एक ऑटोइम्यून रोग), आयोडीन की कमी और कुछ दवाओं का सेवन शामिल हो सकता है।
अचानक वजन बढ़ना - सामान्य आहार और व्यायाम के बावजूद अचानक वजन बढ़ना हाइपोथायरायडिज्म का संकेत हो सकता है।
थकान और कमजोरी - इस स्थिति में व्यक्ति हमेशा थका हुआ और सुस्त महसूस करता है।
रूखी त्वचा और बाल झड़ना - त्वचा सूखी और फटी-फटी दिख सकती है, साथ ही बाल तेजी से गिरने लगते हैं।
हर समय ठंड लगना - चयापचय धीमा होने के कारण शरीर का तापमान कम हो जाता है और व्यक्ति को ज्यादा ठंड लगती है।
अवसाद और मूड स्विंग्स - थायराइड हार्मोन की कमी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे अवसाद, चिंता और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
धीमी हृदय गति और चेहरे की सूजन - हाइपोथायरायडिज्म के कारण दिल की धड़कन धीमी हो सकती है और चेहरे में सूजन आ सकती है।
पाचन संबंधी समस्याएँ - चयापचय धीमा होने से कब्ज और गैस की समस्या बढ़ सकती है।
हाइपरथायरायडिज्म तब होता है जब थायराइड ग्रंथि अधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करती है। इसके प्रमुख कारणों में ग्रेव्स डिजीज (एक ऑटोइम्यून बीमारी), थायराइड नोड्यूल्स और अत्यधिक आयोडीन सेवन शामिल हैं।
अचानक वजन कम होना - अधिक खाने के बावजूद वजन कम होने लगता है।
तेज या अनियमित हृदयगति - दिल की धड़कन तेज हो जाती है और कभी-कभी उच्च रक्तचाप भी हो सकता है।
अत्यधिक पसीना आना और गर्मी सहन न कर पाना - शरीर का तापमान बढ़ जाता है और व्यक्ति को अधिक गर्मी लगने लगती है।
चिंता और घबराहट - अधिक सक्रिय थायराइड तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति चिड़चिड़ा और बेचैन महसूस करता है।
हाथों का कांपना और मांसपेशियों की कमजोरी - हाथों में कंपन और शरीर में कमजोरी महसूस हो सकती है।
भूख बढ़ना लेकिन बार-बार भूख लगना - अधिक खाने के बावजूद व्यक्ति को जल्दी भूख लगती है।
आँखों का उभरना (ग्रेव्स डिजीज) - ग्रेव्स डिजीज के कारण आँखें उभरी हुई दिख सकती हैं और दृष्टि संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
समय पर पहचान कर इलाज शुरू करना बेहद जरूरी है। यहाँ कुछ प्रमुख संकेत दिए गए हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए:
गले में सूजन या गोइटर - यदि गले में सूजन या गांठ महसूस हो, तो यह थायराइड समस्या का संकेत हो सकता है।
मासिक धर्म में अनियमितता - महिलाओं में भारी, अनियमित या मासिक धर्म रुकने की समस्या हो सकती है।
नींद की समस्या - हाइपरथायरायडिज्म में अनिद्रा हो सकती है, जबकि हाइपोथायरायडिज्म में अधिक नींद आने लगती है।
यदि उपरोक्त लक्षण लगातार बने रहते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। टीएसएच (थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन), टी3 और टी4 स्तरों की जाँच के लिए ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है। सही समय पर जाँच और इलाज से हृदय रोग, बांझपन और चयापचय संबंधी जटिलताओं से बचा जा सकता है।
थायराइड विकार बहुत आम हैं, लेकिन इनके लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते होने के कारण इन्हें नज़रअंदाज़ किया जा सकता है। चाहे हाइपोथायरायडिज्म हो या हाइपरथायरायडिज्म, शरीर में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। सही आहार, नियमित व्यायाम और डॉक्टर की सलाह से थायराइड को नियंत्रित रखा जा सकता है।
अस्वीकरण: यह सामग्री और इसमें दी गई सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी योग्य चिकित्सकीय सलाह का स्थान नहीं लेती। हमेशा अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श करें। patrika.com इस जानकारी के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।