स्वास्थ्य

Sreenivasan Death News: फिल्म इंडस्ट्री के फेमस एक्टर की हुई इस बीमारी से मौत, जानिए इस बीमारी के लक्षण और बचाव

Sreenivasan Death News: मलयालम अभिनेता-निर्देशक श्रीनिवासन का 69 साल की उम्र में निधन। हार्ट, सांस और डायबिटीज जैसी लंबी बीमारियों से क्या सीख मिलती है? बचाव के उपाय जानिए।

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Dec 20, 2025
Sreenivasan Death News (photo- insta @binupappu)

Sreenivasan Death News: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता, लेखक और निर्देशक श्रीनिवासन का कोच्चि में निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह काफी समय से बीमार चल रहे थे और घर पर इलाज चल रहा था। हालत अचानक बिगड़ने पर उन्हें त्रिपुनिथुरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।

श्रीनिवासन सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि उन्होंने वडक्कुनोक्कियंत्रम, चिंताविष्टयाया श्यामला, संदेशम और नादोडिक्कट्टु जैसी फिल्मों से समाज को सोचने पर मजबूर किया। लेकिन उनकी मौत एक बार फिर हमें लंबी बीमारी (prolonged illness) और हेल्थ को नजरअंदाज करने के खतरे की याद दिलाती है।

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पहले से चल रही थीं गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं

साल 2019 में श्रीनिवासन को एक रिकॉर्डिंग के दौरान सांस लेने में गंभीर दिक्कत हुई थी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत इतनी बिगड़ गई कि वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें हल्का हार्ट फेल्योर, फेफड़ों में पानी भरना और बहुत ज्यादा ब्लड प्रेशर की समस्या थी। इसके अलावा वह डायबिटीज (ब्लड शुगर असंतुलन) की परेशानी से भी जूझ चुके थे। ये सारी समस्याएं अक्सर अचानक नहीं आतीं, बल्कि सालों में धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करती हैं।

लंबी बीमारी क्यों बनती है जानलेवा?

जब हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सांस की दिक्कत या हार्ट से जुड़ी समस्याएं लंबे समय तक कंट्रोल में नहीं रहतीं, तो शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं। दिल कमजोर होने लगता है, फेफड़ों में पानी भर सकता है। अचानक सांस रुकने या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर लोग दवाइयां छोड़ देते हैं, नियमित चेकअप नहीं कराते और लक्षणों को थकान या उम्र का असर मानकर टाल देते हैं, यही सबसे बड़ी गलती होती है।

इससे कैसे बचा जा सकता है?

श्रीनिवासन की बीमारी से हमें कुछ जरूरी सबक मिलते हैं। रेगुलर हेल्थ चेकअप जरूरी है। 40 की उम्र के बाद BP, शुगर, हार्ट और फेफड़ों की जांच नियमित करानी चाहिए। सांस की दिक्कत को हल्के में न लें। बार-बार सांस फूलना, सीने में जकड़न या खांसी गंभीर संकेत हो सकते हैं। ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें। दवाइयां समय पर लें और खुद से बंद न करें। इसके साथ ही अपने लाइफस्टाइल सुधारें, हल्की एक्सरसाइज, कम नमक और कम शुगर, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं रखें। नींद भी पूरी करें। अचानक तबीयत बिगड़ने पर देर न करें। घर पर इलाज चल रहा हो, फिर भी हालत बिगड़ते ही अस्पताल पहुंचना जरूरी है।

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Updated on:
20 Dec 2025 11:19 am
Published on:
20 Dec 2025 11:17 am
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