Vitamin B6 overcome deficiency: सर्दियों में होंठ फटना आम बात होती है। इस मौसम में सब के होंठ फट जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे विटामिन बी6 की कमी भी हो सकती है।
Vitamin B6 overcome deficiency: यदि आप अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स का सेवन करना चाहिए। इनकी कमी होने पर शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। विटामिन बी6 भी उनमें से एक महत्वपूर्ण विटामिन है। यदि आपके शरीर में इसकी कमी हो जाती है तो आप तनाव के साथ अन्य कई समस्याओं से परेशान हो सकते हैं। यदि आपके शरीर में इसकी कमी हो गई है तो इसके लिए आप कुछ प्राकृतिक स्रोतों (Vitamin B6 overcome deficiency) का सहारा ले सकते हैं।
सर्दी में होंठ फटने को लेकर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन इसका दुसरा कारण भी हो सकता है वो है विटामिन बी6 की कमी होना। इसके लिए आपको डॉक्टर का परार्मश लेना चाहिए।
गाजर का खा सकते हैं
अलावा, गाजर में विटामिन बी-6 की अच्छी मात्रा भी पाई जाती है, जो नर्व सेल्स के चारों ओर मायलिन नामक प्रोटीन के निर्माण में सहायक होती है। इसलिए, आप अपने दैनिक आहार में गाजर को शामिल करके शरीर में विटामिन बी-6 की कमी को पूरा कर सकते हैं।
दूध का सेवन (Vitamin B6 overcome deficiency) बॉडी में विटामिन बी-6 की कमी को पूरा करने का एक प्रभावी तरीका है। गाय और बकरी के दूध को नियमित आहार में शामिल करने से शरीर को आवश्यक विटामिन बी-6 का लगभग 5% प्राप्त होता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है।
पालक का सेवन
पालक, जो आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है, में विटामिन बी-6 की भी पर्याप्त मात्रा होती है। आप अपनी डाइट में पालक को शामिल करके न केवल विटामिन बी-6, बल्कि विटामिन ए, विटामिन सी और आयरन की कमी को भी पूरा कर सकते हैं।
शकरकंद का सेवन
शकरकंद (Vitamin B6 overcome deficiency) को विटामिन बी-6 के साथ-साथ विटामिन ए, फाइबर और मैग्नीशियम का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। शकरकंद का सेवन करने से शरीर को लगभग 15% विटामिन बी-6 प्राप्त होता है। शकरकंद का सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है और जिगर तथा मांसपेशियाँ भी मजबूत बनी रहती हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।