Safe Alcohol Limit WHO : WHO और CDC की नई रिपोर्ट बताती है कि शराब की कोई भी मात्रा पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। जानें कैसे शराब दिल, लिवर और दिमाग पर असर डालती है।
WHO alcohol report 2025 : रात के खाने के साथ एक ग्लास वाइन का सेवन या किसी पार्टी में टोस्ट, शराब का मजा जीवन के कई पलों में लिया जाता है। लेकिन प्रत्येक घूंट के पीछे एक बड़ा सवाल छिपा है जिसने लोगों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को उलझन में डाल रखा है: कितनी शराब पीना वाकई में सुरक्षित है? जैसा कि पता चला है इसका जवाब उतना आसान नहीं है जितना कोई उम्मीद कर सकता है। विज्ञान बताता है कि शराब दोमुंही तलवार की तरह काम करती है थोड़ी सी शराब हानिरहित लग सकती है या दिल के लिए सुरक्षात्मक भी लेकिन एक निश्चित सीमा के बाद वही पेय शरीर के लगभग हर अंग को चुपचाप नुकसान पहुंचा सकता है।
शोधकर्ता शरीर पर शराब के प्रभावों को द्वि-चरणीय बताते हैं, जिसका अर्थ है कि इसके दो विपरीत पहलू हैं। कम मात्रा में, यह हार्ट हेल्थ के लिए तटस्थ या थोड़ा सुरक्षात्मक लग सकता है, खासकर जब इसे स्वस्थ आहार के साथ लिया जाए। लेकिन एक बार जब मात्रा एक सीमा पार कर जाती है, तो सुरक्षात्मक परत फीकी पड़ जाती है और नुकसान शुरू हो जाता है।
सुरक्षित मात्रा का वास्तव में क्या मतलब है?
शोधकर्ता शरीर पर शराब के प्रभावों को द्वि-चरणीय बताते हैं, जिसका अर्थ है कि इसके दो विपरीत पहलू हैं। कम मात्रा में, यह हार्ट हेल्थ के लिए तटस्थ या थोड़ा सुरक्षात्मक लग सकता है, खासकर जब इसे स्वस्थ आहार के साथ लिया जाए। लेकिन एक बार जब मात्रा एक सीमा पार कर जाती है, तो सुरक्षात्मक परत फीकी पड़ जाती है और नुकसान शुरू हो जाता है।
क्या वाकई थोड़ी-सी शराब सेहत के लिए अच्छी होती है?
सालों से यह बहस चलती आ रही है कभी रेड वाइन को दिल का दोस्त कहा गया, तो कभी बीयर को स्ट्रेस बस्टर। लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट ने इस सोच को पलट कर रख दिया है।
नया निष्कर्ष साफ है —
अगर आप फिर भी पीते हैं, तो विशेषज्ञ कहते हैं कि कम-से-कम मात्रा ही कम जोखिम वाली मानी जा सकती है:
महिलाओं के लिए: दिन में 1 स्टैंडर्ड ड्रिंक
पुरुषों के लिए: दिन में 2 स्टैंडर्ड ड्रिंक तक
और हफ़्ते में कम से कम 2-3 दिन बिना शराब के रहने चाहिए
लेकिन ध्यान रखें ये सुरक्षित सीमा नहीं, बल्कि जोखिम को थोड़ा घटाने वाली हदें हैं।
हर इंसान की शरीर रचना, जेनेटिक्स और मेटाबॉलिज़्म अलग होता है। कई बार दो लोग एक जितनी मात्रा में पीते हैं, लेकिन असर अलग दिखता है।
महिलाओं के शरीर में शराब तोड़ने वाला एंजाइम कम होता है, इसलिए थोड़ी मात्रा भी ज्यादा असर डालती है।
पूर्वी एशियाई मूल के लोगों में एक जेनेटिक बदलाव पाया गया है, जिससे शराब का जहरीला बाय-प्रोडक्ट (acetaldehyde) जल्दी जमा हो जाता है यह कैंसर का खतरा (Alcohol and cancer risk) बढ़ा सकता है।
वजन, खाने की आदतें, और आंतों के बैक्टीरिया भी असर तय करते हैं। यानि बात सिर्फ कितनी पी की नहीं है, बल्कि शरीर कैसे झेलता है इसकी भी है।
कई लोग मानते हैं कि थोड़ी रेड वाइन से दिल को फायदा होता है क्योंकि इससे HDL (गुड कोलेस्ट्रॉल) बढ़ सकता है। लेकिन 2023 में The Lancet में प्रकाशित एक बड़े अध्ययन ने इस मिथक को तोड़ दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक -
शराब का सबसे पहला झटका लिवर झेलता है भले ही आप मॉडरेट ड्रिंकर हों, लिवर एंजाइम बढ़ सकते हैं, जो तनाव का संकेत है।
धीरे-धीरे असर और जगहों पर दिखता है:
शराब ब्रेन के कुछ हिस्सों को सिकोड़ देती है, जो सीखने और भावनाओं को नियंत्रित करते हैं। यानि थोड़ी-थोड़ी शराब भी धीरे-धीरे बड़ा नुकसान कर सकती है।
अब सवाल उठता है तो क्या जिंदगी से शराब को पूरी तरह निकाल देना चाहिए?” दरअसल, असली मुद्दा कितनी पी जाए नहीं, बल्कि क्यों पी जाए है।
अगर शराब सिर्फ रिलैक्स करने या सेलिब्रेशन का जरिया है, तो क्या ये काम एक वॉक, म्यूजिक, मेडिटेशन, या दोस्तों के साथ टाइम बिताने से नहीं हो सकता?
सेहतमंद लोग अब मॉडरेशन का मतलब बदल रहे हैं। कम बार पीना, सिर्फ खास मौकों पर, और उतनी ही जो शरीर झेल सके।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।