Winter Swelling In Fingers: जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, वैसे-वैसे बहुत से लोगों में पैरों की उंगलियों में सूजन की समस्या बढ़ जाती है। आइए, होम्योपैथिक डॉक्टर मनोज जांगिड़ से जानते हैं कि सर्दियों में यह समस्या क्यों बढ़ जाती है, इससे बचने के लिए किन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए?
Winter Swelling In Fingers: सर्दी के मौसम की सुहावनी महक हर किसी को पसंद होती है और हर कोई इसका आनंद लेना चाहता है। लेकिन आपने अक्सर कुछ लोगों को देखा होगा जो कड़ाके की ठंड में भी जूते या मोजे नहीं पहनते। जब उनसे वजह पूछी जाती है, तो उनका तर्क होता है कि उन्हें जूते-मोजे पहनने से 'एलर्जी' है और इन्हें पहनते ही उनके पैरों की उंगलियां सूज जाती हैं। असल में, यह सिर्फ एक गलत धारणा है कि जूते पहनने से सूजन आती है। पैरों की उंगलियों की सूजन को चिकित्सा विज्ञान की भाषा में इस स्थिति को फ्रॉस्टबाइट या शीतदंश कहा जाता है।
आइए, डॉक्टर मनोज जांगिड़ ने पत्रिका के साथ बातचीत में बताया, यह समस्या क्यों होती है, इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए और कौन से आहार व घरेलू नुस्खे इसमें मददगार हो सकते हैं।
सर्दियों में अक्सर उन लोगों में यह सूजन ज्यादा देखी जाती है जो लंबे समय तक अत्यधिक ठंड के संपर्क में रहते हैं। इस समस्या का सबसे मुख्य कारक ठंड ही है। विज्ञान का भी मानना है कि बहुत ज्यादा ठंडे प्रदेशों में रहने या पहले से लगी कोई चोट इस जोखिम को बढ़ा देती है। इसके अलावा, अत्यधिक शराब और धूम्रपान का सेवन करने वाले लोगों में भी यह समस्या काफी ज्यादा दिखाई देती है।
फ्रॉस्टबाइट से बचने के लिए क्या करें? (Frostbite Treatment)
1.जब ठंड बहुत ज्यादा हो, तो ऐसी स्थिति में बाहर निकलने से बचना चाहिए।
2.कड़ाके की सर्दी के दौरान लंबी यात्राओं से परहेज करें।
3.यदि बाहर निकलना जरूरी हो, तो पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें ताकि शरीर का रक्त संचार (blood circulation) सही बना रहे।
सर्दियों में जब फ्रॉस्टबाइट के कारण असहनीय दर्द हो, तो आप एक साधारण उपाय से इसे कम कर सकते हैं। आपको बस एक साफ सूती कपड़ा लेना है; इसे या तो गर्म पानी में भिगो लें या भाप से गर्म कर लें और फिर प्रभावित स्थान पर रखें। याद रखें कपड़े से सिकाई केवल हल्के हाथ से छूकर करनी है, प्रभावित जगह को रगड़ना बिल्कुल नहीं है।
यदि आप सर्दियों में उंगलियों की सूजन और फ्रॉस्टबाइट से परेशान हैं, तो आपको उन पदार्थों से दूरी बना लेनी चाहिए जो इस समस्या को और बढ़ा (trigger) सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
1.धूम्रपान और कैफीन (चाय-कॉफी)।
2.अत्यधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थ।
3.शराब का सेवन।