Year Ender 2025: साल 2025 भारतीय मनोरंजन जगत के लिए दुखद रहा। कई TV, फिल्मों और साउथ सिनेमा के सेलेब्स कैंसर से जूझते हुए दुनिया से चले गए। उनकी पूरी लिस्ट यहां पढ़ें।
Year Ender 2025: 2025 भारतीय मनोरंजन जगत के लिए एक बेहद दुखद साल साबित हुआ। इस साल कई ऐसे कलाकार हमसे बिछड़ गए, जिनकी मौजूदगी ने टीवी, फिल्मों और क्षेत्रीय सिनेमा को एक अलग चमक दी थी। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ने न सिर्फ उनकी ज़िंदगी छीन ली, बल्कि करोड़ों दर्शकों के दिलों में एक गहरी खाली जगह भी छोड़ गई। साल के अंत में पीछे मुड़कर देखने पर साफ महसूस होता है कि 2025 ने भारतीय मनोरंजन जगत को भावनात्मक रूप से झकझोर कर रख दिया है।
टीवी इंडस्ट्री का उभरता चेहरा विभु राघव 2 जून 2025 को स्टेज-4 कोलन कैंसर से जिंदगी की जंग हार गए। पिछले एक साल से उनका इलाज चल रहा था और फैन्स लगातार उनकी रिकवरी की दुआ कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के बाद यह खबर जंगल की आग की तरह फैली और हर किसी का दिल टूट गया। इतनी कम उम्र में दुनिया को अलविदा कहना मनोरंजन जगत के लिए एक बड़ा झटका था।
मराठी और हिंदी टीवी की जानी-मानी अभिनेत्री प्रिया मराठे ने 31 अगस्त 2025 को 38 साल की उम्र में कैंसर से हार मान ली।
“पवित्र रिश्ता” जैसी हिट सीरियल से लोकप्रियता पाने वाली प्रिया की विदाई ने पूरे देश को रुला दिया। मीडिया की रिपोर्टों के बाद सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों की लंबी कतार देखी गई। उनकी मुस्कुराती तस्वीरें और सरल स्वभाव हमेशा याद किए जाएंगे।
तमिल फिल्मों में अहम पहचान बनाने वाले सुपरगुड सुब्रमणि को अप्रैल 2025 में कैंसर का पता चला और सिर्फ एक महीने बाद, 10 मई 2025 को वह दुनिया से चले गए। उनकी अचानक तबीयत बिगड़ने और फिर मौत की खबर ने दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रशंसकों को हिला कर रख दिया।
महाभारत में कर्ण का किरदार निभाने वाले मशहूर अभिनेता पंकज धीर का 15 अक्टूबर 2025 को कैंसर से निधन हो गया।
उनका अभिनय, उनका तेज और स्क्रीन पर उनकी गरिमा हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेगी। टीवी इंडस्ट्री ने उन्हें एक आइकन की तरह विदाई दी।
सिने जगत के वरिष्ठ सिनेमैटोग्राफर और निर्माता प्रीम सागर अगस्त 2025 में कोलन कैंसर की वजह से इस दुनिया से चले गए।
उनका योगदान तकनीक, विज़ुअल्स और कहानी कहने की कला में हमेशा याद किया जाएगा।
इस साल ने याद दिलाया कि कैंसर अभी भी मनोरंजन जगत की सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारी बनी हुई है। कई कलाकारों के जाने ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सेहत ही असली पूंजी है, और समय रहते स्क्रीनिंग, जागरूकता और इलाज जीवन बचा सकता है।