Navratri 2025 Rashifal: इस वर्ष शारदीय नवरात्र के दौरान केवल चंद्रमा ही ऐसा ग्रह होगा जो गोचरीय दृष्टि से परिवर्तन करेगा, जबकि अन्य सभी ग्रह अपनी वर्तमान राशियों में स्थिर बने रहेंगे।आइए जानते हैं इस नवरात्रि में आपकी राशि के लिए क्या संदेश है।
Navratri 2025 Rashifal: शारदीय नवरात्रि 2025 (22 सितंबर से 1 अक्टूबर) इस बार एक खास खगोलीय संयोग लेकर आ रही है।इस वर्ष शारदीय नवरात्र के दौरान केवल चंद्रमा ही ऐसा ग्रह होगा जो गोचरीय दृष्टि से परिवर्तन करेगा, जबकि अन्य सभी ग्रह अपनी वर्तमान राशियों में स्थिर बने रहेंगे। पूरे नवरात्रि काल में सूर्य कन्या राशि में, मंगल तुला राशि में, बुध कन्या राशि में, बृहस्पति मिथुन राशि में, शुक्र सिंह राशि में, शनि मीन राशि में, राहु कुंभ राशि में तथा केतु सिंह राशि में स्थित रहेंगे। चंद्रमा नवरात्र के प्रारंभ में कन्या राशि में रहेगा, फिर क्रमशः तुला, वृश्चिक, धनु और मकर राशि में गोचर करेगा। ग्रहों की इन स्थितियों और विशेषकर चंद्रमा के गोचर के आधार पर मेष से मीन तक सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेंगे, जो नवरात्र के दौरान शुभ या सावधानी बरतने योग्य संकेत दे सकते हैं।आइए जानते हैं इस नवरात्रि में आपकी राशि के लिए क्या संदेश है।
इस नवरात्र आपके लिए बाधाओं से मुक्ति का समय है। मुकदमों, प्रतियोगिताओं या पुराने विवादों में जीत के योग हैं। कार्यक्षेत्र में भाग्य का साथ मिलेगा, लेकिन क्रोध और अनावश्यक खर्च तनाव दे सकते हैं। पिता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
उपाय: मां दुर्गा को लाल पुष्प अर्पित करें और गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं।
घर-परिवार और वाहन सुख में वृद्धि होगी। आर्थिक मामलों में प्रगति होगी लेकिन धन से जुड़े संघर्ष बीच-बीच में रुकावटें पैदा करेंगे। सीने की समस्या या स्वास्थ्य को हल्के में न लें। विरोधियों पर जीत मिलेगी।
उपाय: माता रानी को पीले फूल और सफेद मिष्ठान चढ़ाएं।
आत्मविश्वास और मनोबल इस नवरात्र उच्च रहेगा। परिवार और बच्चों की ओर से शुभ समाचार मिलेगा। कार्यों में सफलता और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हां, घबराहट और मानसिक तनाव से बचना होगा।
उपाय: माता को लाल वस्त्र, लाल चूड़ियां और लाल पुष्प की माला अर्पित करें।
आर्थिक लाभ और पारिवारिक सहयोग से यह समय अच्छा रहेगा। भाई-बहनों और मित्रों का साथ मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी, लेकिन क्रोध और काम के दबाव से तनाव बढ़ सकता है। पेट और पैरों की देखभाल करें।
उपाय: खीर और इलायची दाना का भोग लगाएं तथा गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं।
इस राशि वालों की सोचने की क्षमता और कार्यकुशलता बढ़ेगी। आर्थिक मामलों में लाभ मिलेगा और पारिवारिक विस्तार के योग हैं। आंखों की समस्या या जीवनसाथी के स्वास्थ्य से चिंता हो सकती है। रिश्तों में मधुरता बनाए रखें।
उपाय: मां को खीर और इलायची का भोग लगाकर लाल पुष्प अर्पित करें।
ग्रह संयोग आपके पक्ष में है। दांपत्य सुख और वाहन-संपत्ति से जुड़े मामलों में शुभ संकेत हैं। सरकारी लाभ मिलने की संभावना भी है। हां, वाणी की तीव्रता और पेट की समस्या तनाव ला सकती है।
उपाय: माता को लाल वस्त्र चढ़ाएं और गणेशजी की आराधना करते रहें।
नवरात्र आपके लिए खर्च बढ़ाने वाला समय है, खासकर यात्रा और पारिवारिक जरूरतों पर। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा और दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। क्रोध पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
उपाय: मां दुर्गा को पीला या गेरुआ वस्त्र और केला चढ़ाएं।
प्रतियोगी परीक्षा और शत्रुओं पर विजय के प्रबल योग हैं। आर्थिक मामलों में सुधार होगा। बच्चों से शुभ समाचार मिलेगा। हालांकि, परिश्रम में थोड़ी रुकावट और सीने की परेशानी बढ़ सकती है।
उपाय: मां को पीले पुष्प और खीर का भोग अर्पित करें।
इस राशि के जातकों के लिए साहस और प्रयास सफलता दिलाएंगे। कार्यों में भाग्य का साथ मिलेगा, लेकिन पिता के स्वास्थ्य और घरेलू तनाव चिंता बढ़ा सकते हैं। नौकरी में बदलाव के संकेत भी बन रहे हैं।
उपाय: सफेद मिष्ठान और इलायची दाना अर्पित करें, खीर गाय के दूध से बनाएं।
वाणी में कटुता बढ़ सकती है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है। दूरस्थ यात्रा और पारिवारिक खर्च बढ़ेंगे। भाग्य का आंशिक साथ मिलेगा, लेकिन आंतरिक बेचैनी बनी रहेगी।
उपाय: माता को लाल और पीले वस्त्र, साथ ही लाल पुष्प की माला अर्पित करें।
नए आय स्रोत खुल सकते हैं। आर्थिक सुधार और दांपत्य सुख बढ़ेगा। लेकिन पेट और आंखों की समस्या तनाव दे सकती है। खर्च भी बढ़ेगा।
उपाय: खीर, सफेद मिष्ठान और इलायची दाना माता को अर्पित करें।
मानसिक चिंता और दिल से जुड़ी परेशानी से सावधान रहें। वाहन पर खर्च बढ़ सकता है। समाज में मान-सम्मान मिलेगा, लेकिन निजी जीवन और रिश्तों में टकराव हो सकता है। धन का आगमन रहेगा।
उपाय: क्रीम रंग का वस्त्र और मिष्ठान माता को अर्पित करें। गणेशजी को दूर्वा और पान का पत्ता चढ़ाएं।