MP News: इंदौर उज्जैन के पांच वकीलों को इंदौर जिला कोर्ट ने हत्या के प्रयास में सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीकृष्ण डागलिया की कोर्ट ने 90 साल के एक वकील को तीन साल और अन्य चार को 7-7 साल के सश्रम कैद की सजा सुनाई।
MP News:इंदौर उज्जैन के पांच वकीलों को इंदौर जिला कोर्ट ने हत्या के प्रयास में सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीकृष्ण डागलिया की कोर्ट ने 90 साल के एक वकील को तीन साल और अन्य चार को 7-7 साल के सश्रम कैद की सजा सुनाई। संभवतः यह पहला मामला है, जब एक साथ पांच वकीलों को सुजा सुनाई गई।
अभिभाषक गगनबजाड़ ने बताया, मामला वर्ष 2009 का है। उज्जैन जिला कोर्ट परिसर में गवाही के लिए आए घनश्याम पटेल को रोकने की नीयत से पांचों वकीलों ने हमला किया था। इसमें 90 साल के अभिभाषक सुरेंद्र शर्मा और उनके दो बेटों धर्मेंद्र शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, भतीजे भतीजे भवेद्र शर्मा के साथ ही जूनियर वकील पुरुषोत्तम राय शामिल थे। चारों के खिलाफ एक केस में गवाही देने के लिए पटेल कोर्ट पहुंचे थे। लगभग 16 साल चले इस केस में गुरुवार को सुरेंद्र शर्मा की उम्र को देखते हुए 3 साल बाकी चारों को 7-7 साल के लिए सश्रम कारावास सुनाया गया।
मामले में पटेल ने धर्मेंद्र शर्मा की शिकायत ऑल इंडिया बार काउंसिल को की थी। इस कैस के चलते जब वे जेल में थे तब बार काउंसिल ने उनकी सनद सरेंडर कर दी। बाद में उनकी सनद उन्हें सजा सुनाते हुए रिस्टोर की। उनकी सजा को कम बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में भी केस लगाया गया, जहां बताया था कि इनके खिलाफ उज्जैन में किसी केस में साक्ष्य पेश न होने से केस नहीं चल पाता है। उज्जैन जिला कोर्ट में ये खुद वकील है। ऐसे में वहां केस में दिक्कत आती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केस को इंदौर जिला कोर्ट में ट्रांसफर कर 6 माह में केस की सुनवाई पूरी करने के आदेश भी दिए। इसके अलावा कोर्ट ने कहा था कि केस की पूरी सुनवाई होने के बाद हम देखेंगे कि कितनी सजा हो सकती है या नहीं हो सकती है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस केस को दोबारा सुना जाएगा।