MP News: सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। एमपीआइडीसी ने साफ कर दिया है कि जिस गांव की जमीन ली जाएगी, उसमें किसानों को प्लॉट दिया जाएगा।
MP News: सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। एमपीआइडीसी ने साफ कर दिया है कि जिस गांव की जमीन ली जाएगी, उसमें किसानों को प्लॉट दिया जाएगा। 15 जुलाई से सहमति पत्र देने वाले किसानों को रजिस्ट्री भी शुरू कर दी जाएगी। सारी जमीन मिलने के तीन साल में प्रोजेक्ट को पूरा कर दिया जाएगा।
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को इंदौर से कनेक्ट करने के लिए एमपीआइडीसी 19.4 किमी का इकोनॉमिक कॉरिडोर(Indore-Pithampur Economic Corridor) बनाने जा रहा है। प्रोजेक्ट की गति धीमी होने पर कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें एमपीआइडीसी के कार्यकारी संचालक हिमांशु प्रजापति, एसडीएम गोपाल वर्मा व निधि वर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद थे। चर्चा के दौरान प्रजापत ने बताया, करीब 100 हेक्टेयर जमीन के सहमति पत्र आ गए हैं। इस पर सिंह ने कहा, गति बहुत धीमी है, ऐसे तो काम कैसे चलेगा। काम को तेज करना पड़ेगा। उन्होंने सभी विभागों को समन्वय से काम करने के निर्देश दिए। इसके साथ प्रोजेक्ट में आ रही सभी सरकारी जमीन को जल्द ही एमपीआइडीसी के नाम करने को भी कहा।
यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें सरकार जमीन अधिग्रहण पर किसानों को 60 फीसदी विकसित भूखंड देगी, जबकि अब तक इंदौर विकास प्राधिकरण सबसे ज्यादा यानी 50 फीसदी विकसित भूखंड देता था। घोषणा के बाद किसानों ने रुचि दिखाई और अब तक एमपीआइडीसी को 100 हेक्टेयर जमीन की सहमति मिल गई है।
कलेक्टर सिंह ने दोनों एसडीएम से पूछा कि जहां जमीन का अधिग्रहण होना है वहां दौरा किया या नहीं और क्या-क्या दिक्कत आ रही है। इस पर दोनों एसडीएम ने कहा, हमने मौका मुआयना कर लिया है। अधिकांश किसान(Farmers News) सहमत हैं, लेकिन उनका कहना है कि हमको जमीन कहां मिलेगी, कब रजिस्ट्री कराओगे, योजना कब पूरी होगी, लंबे समय प्रोजेक्ट पर काम नहीं हुआ तो हम खेती से भी चले जाएंगे। शंका-आशंका किसानों में हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है।
बैठक में मौजूद एमपीआइडीसी के अफसरों ने बताया, हमने यह तय कर लिया है कि जिस गांव की जमीन ली जाएगी उसी गांव में प्लॉट दिया जाएगा। 6 बीघा से अधिक जमीन वाले किसानों को मैन रोड पर प्लॉट मिलेगा तो छोटी जमीन वालों को अंदर वाली मैन रोड पर दिया जाएगा। वो भी काफी चोड़ी सड़क है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 15 जुलाई तक हम ऐसी स्थिति में आ जाएंगे, जिसमें रजिस्ट्री शुरू की जा सके।
लंबाई : 19.4 किमी
क्षेत्रफल : 1290.74 हेक्टेयर
योजना लागत : 2124.80 करोड़
गांव : टीही, कन्नड़, भैसलाय, सोनवाय, डेहरी, बागोदा, मोकलाय, नरलाय, शिवखेड़ा, सिंदौड़ी, सिंदौड़ा, श्रीराम तलावली, नावदा पंथ, बिसनावदा, रिंजलाय, नैनोद, कोर्डियाबर्डी।