Railway Updates: सर्दी में अब ट्रेनें कोहरे में नहीं अटकेंगी। इटारसी की 101 ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस और कवच सिस्टम लगाने से सिग्नल, गति और सुरक्षा पर पूरी तरह नियंत्रण मिलेगा।
Fog Safe Device: कोहरे से सुरक्षा के लिए ट्रेनों के लोको पायलट जीपीएस आधारित फॉग सेफ डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं। इससे घने कोहरे में भी मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलट को पता चल जाता है कि अगला सिग्नल कितनी दूरी पर है। सिग्नल ही नहीं बल्कि यह भी डिवाइस बता देता है कि अगला स्टेशन कब आने वाला है। (Railway Updates)
इटारसी के चीफ लोको इंस्पेक्टर मनीष सक्सेना ने बताया कि इटारसी जंक्शन पर फॉग सेफ डिवाइस सभी लोको पायेंलेटों को दी जा रही है। वैसे तो ठंड के मौसम में कोहरे के समय उपयोग के लिए बना है, लेकिन अब लोको पायलट को इसे हमेशा साथ में रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
ट्रेन स्टार्ट होते ही इसे खिड़की के पास एंटीना खोलकर लगा दिया जाता है। यात्रा खत्म होने पर डिवाइस निकालकर रख लेते हैं। जिसे अन्य ट्रेन लेकर जाने वालों को दे दिया जाता है। यह प्रक्रिया रोटेशन में चलती रहती है। बताया जा रहा है कि इटारसी स्टेशन से चलने वाली 101 ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस रोटेशन के हिसाब से दी जा रही है।
रेल का सफर अब और भी सुरक्षित होगा। इसके लिए रेल इंजनों में 'कवच' सिस्टम लगाया जा रहा हैं। रेलवे का कवच 4.0 पूरी तरह ऑटोमेटेड प्रोटेक्शन सिस्टम (Kavach System) है। यह नई आधुनिक तकनीक पर आधारित है। ट्रेन की निर्धारित स्पीड से 2 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा होने पर ट्रेन के इंजन में लगा कवच ओवर स्पीड अलार्म बजा देगा। अगर ट्रेन निर्धारित स्पीड से 9 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा है, तो ऑटोमैटिक ब्रेक भी लगाएगी। देश के महत्वपूर्ण स्टेशनों में से एक इटारसी से चलने वाली ट्रेनों में भी यह सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे पहले इटारसी के बीटीसी केंद्र में इटारसी सहित देशभर के रेल डिवीजनों से आ रहे रेलकर्मियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।
यह लोको पायलट को कोहरे के चौरान भी सिग्नल की स्पष्ट जानकारी देता है. जिससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है। इस डिवाइस के कारण ट्रेनें सटीक गति और दिशा में चल सकती है, जिससे समय की बचत होती है। डिवाइस का उपयोग लोको पायलटों की मानवीय भूल को रोकता है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
रेलवे ट्रैक पर रेलकर्मी तैनात किए गए हैं, जो कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिग्नल को स्थिति की निगरानी करते हैं। रेल फ्रैक्चर की निगरानी व सूचना के लिए लाइनमैन एवं पेट्रोलिंग मैन को पटाखे दिए गए हैं। दिन और रात के समय रेलवे पटरियों की पेट्रोलिंग की जाती है। (Railway Updates)
रेलवे द्वारा सुरक्षा और सुरक्षा को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें नई तकनीकों का भी इस्तेमाल हो रहा है। सर्दी के मौसम में फॉग डिवाइस लोको में लगाए जा रहे हैं। जिससे समय पर ट्रेनें चलें और हादसों को रोका जा सके। - नवल अग्रवाल, पीआरओ रेल मंडल भोपाल