Cow deaths: जिले के कुंडम तहसील क्षेत्र में महज कुछ घंटों के भीतर 14 मवेशियों की मौत हो गई। इनमें चार गायें भी शामिल थीं।
Cow deaths: जिले के कुंडम तहसील क्षेत्र में महज कुछ घंटों के भीतर 14 मवेशियों की मौत हो गई। इनमें चार गायें भी शामिल थीं। वहीं, दो दर्जन से अधिक मवेशियों की हालत बिगड़ गई। पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने बीमार मवेशियों का मौके पर इलाज किया। प्राथमिक जांच और पोस्टमार्टम में जहरीली चीज खाने से मौत की जानकारी सामने आई है। लेकिन जहर कौन सा था, इसका खुलासा नहीं हुआ है। विस्तृत जांच के लिए बिसरा लैब भेजा जा रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा अलसी की फसल चरने की बात कही जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मवेशी बीमार हो सकते हैं, मौत की पर्याप्त वजह नहीं है।
घटना कुंडम तहसील के सातनझिर गांव की है। जानकारी के अनुसार आवारा छोड़े गए और आधा सैकड़ा मवेशियों का झुंड सुबह गांव से बाहर गया था। कुछ घंटे बाद ही मवेशी एक-एक करके अचेत होकर गिरने लगे। अधिकतर को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। पशु पालकों ने जब देखा तो सकते में आ गए। तहसील और थाने को इसकी सूचना दी। तो पशु चिकित्सा विभाग की टीम के साथ अमला मौके पर पहुंचा। तब तक 14 मवेशियों की मौत हो चुकी थी। मौके पर ही बीमार दो दर्जन से अधिक मवेशियों को इलाज दिया गया। जिनकी हालत में सुधार है।
मृत मवेशियों का पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. भारतीय जायसवाल ने पत्रिका को बताया कि मवेशियों के पेट में विषैले तत्व पाए गए थे। मौत की वजह भी यही हो सकते हैं, लेकिन यह विषैला पदार्थ क्या था, इसकी पुष्टि बिसरा जांच रिपोर्ट से ही हो सकेगी। साथ ही उस चारे की भी फोरेंसिक जांच कराने की जरूरत है, जिसे उन्होंने खाया था। वहीं, वेटरनरी विश्वविद्यालय के मेडिसिन विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फसल, जहर और उसकी मात्रा पर ऐसी घटनाएं निर्भर करती हैं। विस्तृत विश्लेषण के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। हो सकता है कि कीटनाशक भी हो पर यह जांच का विषय है।
तहसीलदार कुंडम दीपक पटेल ने बताया कि ग्रामीणों का कहना है कि जिन खेतों में अलसी बोई थी, कटने के बाद अवशेष रह गए थे और जमीन में गिरे बीज नमी की वजह से उग आए थे। उसे ही चारा समझकर मवेशियों ने खाया था। लेकिन जिस तरह से मवेशियों की मौत हुई है। वह लोगों के गले नहीं उतर रहा है। जहरीला पदार्थ खाने से मौत की शार्ट पीएम रिपोर्ट ने इस मामले को और उलझा दिया है।
बताया गया है कि जिस स्थान पर मवेशियों के चारा व फसल चरने से यह स्थिति होने का संदेह है, उस स्थान को टै्रक्टर लगाकर सरकारी अमले ने जोताई करा दी है। उस क्षेत्र में इन्सानों और मवेशियों के जाने से रोकने के लिए निगरानी कराई जा रही है। वहीं, पशु चिकित्सा दल सातनझिर गांव में ही तैनात है और सामान्य मवेशियों की भी जांच कर रहा है।
Cow deaths: प्वाईजनिंग के चलते 14 पशुओं की मौत हुई है। घटना वाले स्थल की जगह को जोत दिया गया है। गांव के लोगों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। पशुओं के मौत के मामले की जांच की जा रही है।