MP News: बिजली वितरण कंपनियों ने 6044 करोड़ रुपये के घाटे को कवर करने के लिए 10.19 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने की बात सामने आई है। नए साल में उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है।
Electricity prices increase:मध्यप्रदेश में वर्ष 2026-27 के लिए बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव सामने आया है। बिजली वितरण कंपनियों ने 6044 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई के लिए 10.19 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि की मंजूरी मप्र विद्युत नियामक आयोग से मांगी है। आयोग ने कंपनियों की याचिका स्वीकार कर ली है और अब इस पर जनता से सुझाव व आपत्तियां आमंत्रित की जा रही है।
आयोग के निर्देश पर बिजली वितरण कंपनियों के मुख्यालयों में अलग-अलग तिथियों पर जनसुनवाई आयोजित की जाएगी। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय जबलपुर में 24 फरवरी, पश्चिम क्षेत्र में 25 फरवरी और मक्षेविविकं भोपाल में 26 फरवरी को जनसुनवाई तय की है। इसके पहले आयोग ने 25 जनवरी तक आमजन से लिखित आपत्तियां और सुझाव मांगे है। (MP News)
जानकार एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने प्रस्तावित टैरिफ वृद्धि को गलत बताया। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों ने याचिका में 6044 करोड़ रुपये का जो घाटा दर्शाया है, वह करीब 12 साल पुराना है, जिसे आयोग पूर्व में खारिज कर चुका है। इसके अलावा कंपनियां स्मार्ट मीटर के नाम पर 750 करोड़ रुपये जनता से वसूलने की तैयारी कर रही हैं, जिसका भी याचिका में उल्लेख है।
प्रदेश सरकार द्वारा बिजली दरें बढ़ाने की तैयारी को लेकर जनसंगठनों ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। जनसंगठनों का आरोप है कि सरकार ने जनता को गुमराह किया है। बताया गया कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्मन सिंह तोमर ने सितंबर माह में घोषणा की थी कि जीएसटी घटाया गया है और कोयले पर लगने वाला कम्पनसेशन सेस समाप्त कर दिया गया है, इसलिए वर्ष 2026 में बिजली के दाम घटाए जाएंगे। इससे आक्रोशित जनसंगठनों ने शनिवार को घंटाघर के पास एकत्र होकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और ऊर्जा मंत्री से इस्तीफे की मांग की। (MP News)