जबलपुर

IIITDM के अफसर का फ्लैट में मिला सड़ा गला शव, मचा हड़कंप

उनकी मौत पांच दिन पहले ही हो चुकी थी। फ्लैट में उनके सिवा किसी और के नहीं होने से इसका पता नहीं चल पाया था। कमरे से दुर्गंध आने पर ट्रिपलआइटीडीएम प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है।

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Oct 01, 2024
IIITDM

IIITDM :ट्रिपलआइटीडीएम के आवासीय परिसर के एक फ्लैट में तकनीकी अधिकारी का शव मिला है। आशंका है कि हार्ट अटैक से उनकी मौत पांच दिन पहले ही हो चुकी थी। फ्लैट में उनके सिवा किसी और के नहीं होने से इसका पता नहीं चल पाया था। कमरे से दुर्गंध आने पर ट्रिपलआइटीडीएम प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है।

IIITDM : शव बिस्तर पर पड़ा मिला

पुलिस के मुताबिक अवधेश कुमार सिंह(42) ट्रिपलआइटीडीएम के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में तकनीकी अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। वे आवासीय परिसर में आवंटित फ्लैट में अकेले रहते थे। उनका शव बिस्तर पर पड़ा हुआ होने से अनुमान लगाया जा रहा है कि गहरा हार्ट अटैक आया और बचने का मौका नहीं मिला।

IIITDM : फ्लैट नंबर 402 में रहते थे अवधेश कुमार

शव की हालत को देखकर लग रहा था कि पांच दिन पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। ट्रिपल आइटी डीएम के निदेशक प्रो. बीके सिंह के मुताबिक अवधेश कुमार शिक्षक-कर्मचारियों के फ्लैट नंबर 402 में रहते थे। 24 सितंबर को वे परीक्षा ड्यूटी में नहीं पहुंचे थे। इस मामले में उनके विभाग को मेल के माध्यम से नोटिस भी दिया गया था। अवधेश एकांकी जीवन शैली में जी रहे थे। वे किसी से संपर्क नहीं रखते थे। विभाग में भी लोगों से कम बातचीत करते थे। उन्हें दिल की बीमारी के कारण स्टंट डाला गया था।

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IIITDM : सील कर दिया फ्लैट

पुलिस छानबीन में पड़ोसियों ने बताया कि वे किसी से बातचीत नहीं करते थे। रविवार को बंद फ्लैट से तेज दुर्गंध आने लगी थी। इसकी सूचना सुरक्षा अमले को दी थी। चौकी प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मौत हार्ट अटैक से होना प्रतीत हो रही है। फ्लैट को सील कर फारेसिंक टीम भी जांच कर रही है, जिसके बाद मौत का कारण सामने आ सकेगा।

IIITDM : पिता कुलपति रह चुके

पुलिस ने बताया कि अवधेश कुमार सिंह के पिता डॉ कृपाशंकर सिंह कानपुर के एचबीटीआइ विश्वविद्यालय के कुलपति ट्रिपलआइटी कानपुर के निदेशक रह चुके थे। वे बेटे की मौत की सूचना पाकर जबलपुर पहुंचे। शव कानपुर ले जाने की बजाय अंतिम संस्कार गौरीघाट मुक्तिधाम में किया गया।

Updated on:
01 Oct 2024 04:51 pm
Published on:
01 Oct 2024 04:42 pm
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