आठ करोड़ 76 लाख रुपए तय की गई है। इसमें वर्तमान कार्यालय शिफ्ट हो जाएगा। रिकॉर्ड रूम सहित तमाम साम्रगी की शिफ्टिंग पूरी हो गई है।
jabalpur कमिश्नर कार्यालय की भूल-भुलैया से अब आम लोगों को राहत मिलेगी। हेरीटेज इमारत को छोड़कर हॉल और कमरों को तोड़कर दोमंजिला आधुनिक कार्यालय बनाया जाएगा। इसकी लागत आठ करोड़ 76 लाख रुपए तय की गई है। इसमें वर्तमान कार्यालय शिफ्ट हो जाएगा। रिकॉर्ड रूम सहित तमाम साम्रगी की शिफ्टिंग पूरी हो गई है।
शासन की री-डेंसीफिकेशन योजना के तहत सिविल लाइंस की बर्न कंपनी की जमीन बेचकर 311 करोड़ रुपए जुटाई गए हैं। इसी राशि से कमिश्नर कार्यालय का नया भवन बनेगा। अभी यहां जबलपुर और सम्भाग के दूसरे जिलों से आने वाले अधिकारियों से लेकर आम आदमी को परेशान होना पड़ता है। इसकी वजह यह है हेरीटेज बिल्डिंग, जिसमें कमिश्नर बैठते हैं, को छोड़कर बाकी का निर्माण कई हिस्सों में हुआ है।
कार्यालय में एकरूपता नहीं है। एक अधिकारी यहां, तो स्टाफ कहीं और बैठता है। घंटी भी बजती है तो उसे समझना मुश्किल होता है कि वह किस कमरे से बजाई गई। आगंतुकों के लिए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हैं। सम्भाग के जिलों के कलेक्टर आ जाएं, तो ढंग का बैठक कक्ष तक नहीं है। रिकॉर्ड रूम की हालत बदहाल है। उसमें पानी टपकता है। इससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के खराब होने की आशंका बनी रहती है।
इस भवन में भूतल और ऊपर की दो मंजिलों पर कार्यालय और कोर्ट रूम बनाए जाएंगे। इसी प्रकार स्टाफ के लिए कक्ष होंगे। कमिश्नर, एडिशनल कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर के कोर्ट रूम अलग-अलग होंगे। उनमें सारी सुविधाएं होंगी। पूरे परिसर का नवीनीकरण होगा। नई बाउंड्रीवॉल और गेट भी बनेगा। मौजूदा हेरीटेज बिल्डिंग को नया स्वरूप दिया जाएगा।
jabalpur - री-डेंसीफिकेशन योजना के तहत कमिश्नर कार्यालय के नए भवन का निर्माण 8 करोड़ 76 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है। पुराने भवन को तोड़ा जाएगा।