KBC 17: जीवन में संघर्ष हमेशा आगे बढऩा सिखाते हैं। इस बात का सही मायने संस्कारधानी जबलपुर की कृतिका मित्रा ने साबित की है। उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के सीजन 17 में 50 लाख जीतकर शहर का मान बढ़ाया है।
KBC 17: जीवन में संघर्ष हमेशा आगे बढऩा सिखाते हैं। मुश्किल हालात भले ही चुनौतियां खड़ी करते हैं, लेकिल मन में इरादा हो तो कुछ करने का जज्बा जीवन परिवर्तित कर देता है। इस बात का सही मायने संस्कारधानी जबलपुर की कृतिका मित्रा(Jabalpur Kritika Mitra) ने साबित की है। उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के सीजन 17 में 50 लाख जीतकर शहर का मान बढ़ाया है।
केबीसी के लिए जून में दिल्ली में आडिशन हुआ था। सिलेक्शन के लिए मुम्बई से कॉल आया। पचास लाख तक के जवाब उन्होंने सूझ-बूझ से दिए, लेकिन पीएम मोदी को क्रोएशिया के प्रेसिडेंट की भेंट की गई 18वीं सदी की संस्कृत स्क्त्रिस्प्ट किसने लिखी थी का जवाब कृतिका नहीं दे सकीं और शो क्विट किया। शो में धुआंधार किस नदी पर स्थित है का सवाल भी कृतिका से पूछा गया था।
कृतिका ने सीएस ब्रांच से इंजीनियरिंग की और फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब की, लेकिन मां के देहांत के बाद और पिता की देखभाल के लिए नौकरी छोड़ दी। इरादा सिविल सर्विसेज मुकाम बनाना है। केबीसी में जीती हुई रकम भी पढ़ाई में लगाएंगी। कृतिका का कहना है कि सपने देखिए, तभी वो सच होते हैं। केबीसी में जाकर अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठना भी ऐसे ही सपने में से एक था।
कृतिका ने बताया कि बाथरूम में गिर जाने से मां को गंभीर चोट आईं। अस्पताल से मां लौटी तो कोमा में थी, सिर्फ आवाज ही सुन सकती थीं। उनके पास वैसी ही जिम्मेदारी आ गई, जैसी वह मां के लिए थी। लेकिन कुछ महीनों बार मां का निधन ब्रेन हेमरेज से हो गया। इससे जीवन में कुछ हासिल करने की उम्मीद टूटने लगी। लेकिन रिटायर्ड शिक्षक पिता केशवचंद्र मित्रा हौसला बढ़ाते रहे। जब वह भी बीमार रहने लगे तो जॉब छोड़ दी।