MP High Court: एमपी के छिंदवाड़़ा में सामने आए कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में MP High Court भी नहीं मिली राहत...
MP High Court: हाईकोर्ट ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौतों को मेडिकल इतिहास का अत्यंत चौंकाने वाला मामला माना है। मामले में जबलपुर के दवा वितरक की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए दवा वितरक को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद सरकार ने डॉक्टरों और दवा निर्माता पर मामले दर्ज किए थे। इसके साथ ही इस सिरप की सप्लाई करने वाले जबलपुर के वितरक राजपाल कटारिया के ठिकानों पर छापेमारी कर दवाएं जब्त की गईं।
छिंदवाड़ा में विषैला कफ सिरप से कई बच्चों की मौत के बाद डॉ. प्रवीण सोनी और उनकी पत्नी, तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक गोविंदन रंगनाथन सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। कई राज्यों ने कोल्ड्रिफ पर प्रतिबंध लगाया गया। जांच में सिरप में विषैला डायथिलीन ग्लाइकॉल पाए जाने की बात सामने आई। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया।
दुकान सील की गई और लाइसेंस निलंबित किया गया। इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए कटारिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे सिंगल बेंच ने खारिज करते हुए उसे सरकार के समक्ष पक्ष रखने की स्वतंत्रता दी थी। इसके विरुद्ध उसने डबल बेंच में अपील की, जिसे भी अदालत ने अस्वीकार कर दिया।
अदालत ने टिप्पणी की कि यह चिकित्सा इतिहास के सबसे चौंकाने वाले मामलों में से एक है, जिसमें कोल्ड्रिफ नामक कफ सिरप के कथित सेवन से अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीनों में लगभग 30 बच्चों की मौत हुई। इसी आधार पर अदालत ने दवा वितरक की अपील पर विचार करने से भी इनकार कर दिया।