MP News: सिस्टम की बेरुखी का दिल दहला देने वाला एक दृश्य मंगलवार को अंधूमूक बायपास पर देखने को मिला। यहां बेबस वृद्ध पिता मदद के इंतजार में 30 साल के बेटे का शव लेकर बैठा रहा। शव पर मक्खियां भिनभना रही थीं।
MP News: सिस्टम की बेरुखी का दिल दहला देने वाला एक दृश्य मंगलवार को जबलपुर के अंधूमूक बायपास पर देखने को मिला। यहां बेबस वृद्ध पिता मदद के इंतजार में 30 साल के बेटे का शव लेकर बैठा रहा। शव पर मक्खियां भिनभना रही थीं। लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। जानकारी मिलने पर मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों की मदद से एबुलेंस की व्यवस्था की, तब वृद्ध पिता बेटे का शव लेकर छिंदवाड़ा के लिए रवाना हुए।
छिंदवाड़ा जिले के थाना रावनबड़ा अंतर्गत आने वाले बरघइयां गांव में रहने वाले 65 वर्षीय वृद्ध मेंद्र दास ने बताया कि उनका बेटा महेंद्र गंभीर बीमारी से पीड़ित है। उन्होंने 27 जून को बेटे को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया था। 19 जुलाई को अधूरे इलाज के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
बेबस लाचार पिता मेंद्र दास का कहना है कि उसके पास गांव जाने के लिए …उनके पास गांव जाने के लिए पैसे नहीं थे। वे लोगों की मदद से पैसे जुटाकर बेटे के साथ रवाना हुए। लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। वृद्ध पिता बेटे का शव लेकर मदद के इंतजार में अंधमूक बायपास पर बैठे रहे। लेकिन कोई आगे नहीं आया। जानकारी मिलने पर आशीष ठाकुर ने लोगों की मदद से एबुलेंस की व्यवस्था की, तब वे छिंदवाडा़ के लिए रवाना हुए। उन्होंने रोते हुए कहा कि सरकारी सुविधाएं अस्पताल तक ही सीमित हैं। यदि लोग मदद नहीं करते तो वे गांव कैसे जाते।