MP News: मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले से अलग करके सिहोरा तहसील को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन हो रहे थे। इसी बीच शुक्रवार को आंदोलन समिति के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री से हुई।
MP News: मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से अलग करके सिहोरा तहसील को जिला बनाने की मांग सालों पुरानी है। शुक्रवार को लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से हुई चर्चा में सिहोरा को जिला बनाए जाने को लेकर कोई तत्काल और स्पष्ट ठोस आश्वासन नहीं मिल सका।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश में वर्तमान में जनसंख्या असंतुलन और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने जिला एवं संभाग जिलों पुनर्गठन आयोग का गठन किया है। आयोग की रिपोर्ट लगभग एक वर्ष बाद आने की संभावना है, जिसके बाद ही नए जिलों और संभागों के गठन पर निर्णय लिया जाएगा।
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति द्वारा प्रस्तुत सिहोरा जिले का प्रस्ताव पुनर्गठन आयोग को भेजा जाएगा। आयोग की सिफारिशों के आधार पर सिहोरा को जिला बनाए जाने के दावे का परीक्षण कर उचित और न्यायसंगत निर्णय लिया जाएगा।
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार जबलपुर को मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है। इस विकास प्रक्रिया में सिहोरा को शामिल करने पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विधायक संतोष बरकड़े के मोबाइल फोन से सिहोरा में आमरण व अन्न सत्याग्रह पर बैठे प्रमोद साहू से भी प्रत्यक्ष बातचीत की। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सिहोरा जिले के दावे पर विधिवत प्रक्रिया के तहत विचार होगा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सत्याग्रह समाप्त करने का आग्रह किया।
दिग्विजय सिंह की सरकार में मिली थी मंजूरीमध्य प्रदेश की कैबिनेट के द्वारा सिहोरा को जिला बनाने की मंजूरी दी गई थी। उसके 3 दिन बाद ही आचार संहिता लगनी थी। इसके चलते सरकार ने फैसला लिया था कि 26 जनवरी 2004 को सिहोरा जिला अस्तित्व में आ जाएगा। चुनाव हुए तो दिग्विजय सिंह की सरकार नहीं बन पाई। बीजेपी से उमा भारती सीएम बनीं और 26 जनवरी को भी सिहोरा जिले के अस्तित्व में नहीं आ पाया।