School Fee Scam : अवैध रुप से फीस के रूप से वसूले गए 33.78 करोड़ रुपए लौटाने के आदेश दिए। उन्हें अभिभावकों को फीस वापस किए जाने का रेकॉर्ड भी पेश करना होगा, अन्यथा वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
School Fee Scam : निजी स्कूलों की मनमानी और अवैध फीस वसूली पर प्रहार जारी है। एक बार फिर शहर के तीन निजी स्कूलों में 48 हजार ब‘चों से 33.78 करोड़ रुपए की अवैध फीस वसूली उजागर हुई है। जो उन्हें एक माह के भीतर अभिभावकों को लौटानी होगी। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मनमानी करने वाले नचिकेता विद्यालय विजयनगर, स्माल वंडर सीनियर सेकेंडरी और सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल रांझी के संचालकों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना आयुक्त लोक शिक्षण मध्यप्रदेश के बैंक खाते में जमा कराकर पावती पेश करना होगी।
जिला प्रशासन ने अब तक 28 निजी स्कूल संचालकों द्वारा 219 करोड़ रुपए की अवैध फीस वसूले जाने की गड़बड़ी पकड़ी है। जिन्हें राशि अभिभावकों को लौटाने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, 12 स्कूल संचालकों पर एफआइआर दर्ज कराई गई है। जिसमें 84 लोग आरोपी बनाए गए हैं। 16 स्कूल संचालकों से 32 लाख का जुर्माना वसूलकर सरकारी खजाने में जमा कराया गया है।
इन तीनों स्कूल व संचालकों के खिलाफ शिकायत मिलने पर पहले ही मध्यप्रदेश निजी विद्यालय(फीस तथा संबंधित विषयों का नियमन) अधिनियम के उल्लंघन का पहले ही मामला दर्ज कर लिया गया था। रेकॉर्ड की जांच में मनमानी तरीके से वृद्धि कर अवैध रूप से फीस वसूले जाने का खुलासा हुआ। गुरुवार को कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति ने तीनों स्कूलों को अवैध रुप से फीस के रूप से वसूले गए 33.78 करोड़ रुपए लौटाने के आदेश दिए। उन्हें अभिभावकों को फीस वापस किए जाने का रेकॉर्ड भी पेश करना होगा, अन्यथा वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
जांच टीम की रिपोर्ट से उजागर हुआ कि स्कूल संचालकों ने नियम विरुद्ध तरीके से 15 से लेकर 35 प्रतिशत फीस बढ़ाई। अभिभावकों का शोषण करते हुए करोड़ों रुपए वसूले। जबकि नियमत: फीस वृद्धि का निर्णय जिला स्तरीय और रा’य स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद ही किया जा सकता है। लेकिन स्कूल संचालकों ने दुकान की तरह मनमाने तरीके से फीस का निर्धारण किया और बिना प्रशासन को जानकारी दिए राशि की जबरिया वसूली की। इसकी जानकारी भी वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं की।
ब‘चों से अवैध रूप से फीस वसूलने वाले इन स्कूल संचालकों ने यह रकम विलासिता की चीजें जुटाने और प्रॉपर्टी बनाने में खर्च की। उनके बही खातों की जांच में काली करतूत की पोल खुल गई। इसमें वाहन खरीदने से लेकर प्लॉट और जमीन खरीदने का जि₹ है। प्रशासन शिक्षा के धन के दुरुयोग के इस मामले पर भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।