CG News: वर्तमान समय में एक भी वुडेन कोर्ट नहीं हैं, इसके चलते प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अन्य जिलों और राज्यों में प्रशिक्षण लेने जाना पड़ता है, जो काफी महंगा पड़ता है।
CG News: बस्तर के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधा देने का सपना अब भी अधूरा है। इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम परिसर में बनने वाला वूडन बैडमिंटन कोर्ट चार साल बाद भी तैयार नहीं हो पाया है। निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार से न सिर्फ खेल प्रेमी बल्कि युवा बैडमिंटन खिलाड़ी भी निराश हैं।
बस्तर जिला बैडमिंटन संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि इस सुविधा के चालू हो जाने पर बस्तर के युवाओं को प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए बड़े शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। वर्तमान समय में एक भी वुडेन कोर्ट नहीं हैं, इसके चलते प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अन्य जिलों और राज्यों में प्रशिक्षण लेने जाना पड़ता है, जो काफी महंगा पड़ता है।
फिलहाल, निर्माण कार्य की सुस्त गति ने खेल जगत में चिंता और असंतोष दोनों बढ़ा दिया है। खेल विभाग के अनुसार, इस कोर्ट का निर्माण राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाना है, जिसमें स्प्रूस, मेपल या बीच जैसी उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ी के फर्श का उपयोग होगा। लकड़ी की सतह को विशेष कोटिंग से तैयार किया जाएगा, जिससे यह टिकाऊ और खेलने के लिए सुरक्षित रहे।
CG News: एक मानक बैडमिंटन कोर्ट का आकार 13.4 मीटर लंबा और 6.1 मीटर चौड़ा होता है, जबकि नेट की ऊंचाई किनारों पर 1.55 मीटर और बीच में 1.524 मीटर होती है। अधिकारियों का कहना है कि फर्श बिछाने, लाइनों, नेट और उपकरणों की स्थापना में तकनीकी सटीकता की आवश्यकता के कारण कार्य में समय लग रहा है।
हालांकि, खेल विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्य परिस्थितियों में ऐसा कोर्ट कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों में तैयार हो सकता है। जानकार बताते हैं कि लकड़ी के फर्श पर खेलना खिलाड़ियों को बेहतर उछाल और संतुलन देता है, जिससे उनका प्रदर्शन बेहतर होता है। हालांकि, इसकी एक कमी यह है कि नमी और तापमान में बदलाव से सतह प्रभावित हो सकती है, और इसका नियमित रखरखाव आवश्यक होता है।