Ration Card: तीन महीने का राशन एक साथ देने से काम का बोझ भी तीन गुना हो गया है, और उपभोक्ताओं की भीड़ के कारण कई बार अव्यवस्था की स्थिति बन रही है।
Ration Card: राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जून माह में एक साथ तीन महीने का राशन वितरित किया जा रहा है, लेकिन समय सीमा समाप्त होने से महज एक दिन पहले भी करीब 30 फीसदी उपभोक्ताओं ने अपना राशन नहीं लिया है। स्थिति यह है कि हर दिन राशन दुकानों के बाहर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं और दुकानदारों दोनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। बस्तर जिले में 2 लाख से अधिक राशन कार्डधारी हैं, राशन नहीं लेने वालों में एपीएल कार्डधारी की संख्या अधिक है।
प्रशासन की अपील: खाद्य विभाग के अधिकारियों ने अपील की है कि जिन उपभोक्ताओं ने अब तक राशन नहीं लिया है, वे जल्द से जल्द अपनी नजदीकी राशन दुकान में जाकर वितरण प्रक्रिया पूर्ण कराएं। विभाग का कहना है कि अंतिम तिथि के बाद कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा।
दुकानदारों की बढ़ी परेशानी: राशन दुकानदारों का कहना है कि ई-पॉस मशीन की धीमी गति और बार-बार ओटीपी न आने की वजह से प्रतिदिन सीमित उपभोक्ताओं को ही राशन दिया जा पा रहा है। तीन महीने का राशन एक साथ देने से काम का बोझ भी तीन गुना हो गया है, और उपभोक्ताओं की भीड़ के कारण कई बार अव्यवस्था की स्थिति बन रही है।
इस बार राशन वितरण में ओटीपी आधारित ई-पॉस मशीन से वितरण की अनिवार्यता ने प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है। हर उपभोक्ता को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ्नओटीपी के माध्यम से राशन लेना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या और कई उपभोक्ताओं के पास मोबाइल फोन या पंजीकृत नंबर न होने के कारण वितरण में देरी हो रही है।
Ration Card: राशन नहीं ले पाने वाले उपभोक्ताओं ने अब शासन से समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तकनीकी कारणों से हजारों उपभोक्ता वंचित रह गए हैं, तो विभाग को वितरण की अंतिम तिथि में कम से कम एक सप्ताह की वृद्धि करनी चाहिए।
जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मांग को उचित ठहराया है। उनका कहना है कि ओटीपी सत्यापन की व्यवस्था को लचीला बनाया जाए या फिर जिनके पास ओटीपी प्राप्त नहीं हो रहा, उन्हें आधार सत्यापन के वैकल्पिक उपायों से राशन उपलब्ध कराया जाए।