Sabarimala Temple: मान्यता है कि इस कठिन व्रत को करने के बाद ही केरल में स्थित शबरीमाला मंदिर में भगवान के दर्शन किए जाते हैं।
Sabarimala Temple: भगवान श्री अयप्पा की 41 दिवसीय कठिन व्रत के साथ सबरीमाला मंदिर में जाकर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु भक्तों ने माला धारण कर बुधवार से व्रत शुरु कर दिया है। भगवान अयप्पा की आराधना की गई। सामग्री का भोग प्रतिदिन लगाया गया।
यह विशेष पूजा केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में भी शुरु हो चुका है। शहर में बसे केरल के करीब 220 से अधिक भगवान श्री अयप्पा के भक्तों ने माला धारण कर लिया है, अब वे 41 दिन तक विशेष पूजा-पाठ करेंगे।
शहर के नयामुंडा स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में माला धारण करने वाले सभी भक्त 3 दिसंबर तक पूजा अर्चना कर भगवान अयप्पा की आराधना करेंगे और 41 दिन तक व्रत रखते हुए उनसे मनोकामना मांगेंगे।
मान्यता है कि इस कठिन व्रत को करने के बाद ही केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में भगवान के दर्शन किए जाते हैं। माला धारण कर व्रत शुरु करने का पूजन के साथ हो गया है। हवन के बाद भगवान अयप्पा की आरती उसके बाद चावल का विशेष भोग लगाया गया। विशेषज्ञ भोग का प्रसाद केवल मंदिर के पुजारी द्वारा ही बनाया जाता है।
Sabarimala Temple: समाज के मनीष नायर ने बताया कि माला धारण के बाद घर में शुद्धता का पूरा ध्यान रखना होता है। व्रत के दौरान बाल कटवाना पूरी तरह से वर्जित है। शाकाहारी भोजन के साथ जमीन पर सोना पड़ता है।
शरीर में तेल और दूसरे सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग वर्जित है। जो व्यक्ति व्रत रखता है, उसे खुद ही भोजन पकाकर खाना होता है। उन्होंने बताया कि शहर के मलयाली हिन्दू समाज के लोग भगवान अयप्पा की आराधना में जुट गए हैं।