जयपुर

जयपुर में जाम से राहत का ब्लूप्रिंट तैयार, 42 हजार करोड़ से चमकेगी सिटी ट्रैफिक की सूरत

राजधानी जयपुर की सड़कों पर बढ़ते यातायात दबाव, जाम और बिगड़ती परिवहन व्यवस्था से छुटकारा दिलाने के लिए जेडीए ने जो कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया है, उसको धरातल पर उतारने के लिए 42 हजार करोड़ रुपए से अधिक चाहिए। यह प्लान वर्ष 2055 तक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

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Dec 23, 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर, मेटा एआइ

जयपुर। राजधानी जयपुर की सड़कों पर बढ़ते यातायात दबाव, जाम और बिगड़ती परिवहन व्यवस्था से छुटकारा दिलाने के लिए JDA ने जो कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया है, उसको धरातल पर उतारने के लिए 42 हजार करोड़ रुपए से अधिक चाहिए। यह प्लान वर्ष 2055 तक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ये ड्राफ्ट राज्य सरकार के पास है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसे अनुमति मिल जाएगी।

इसके बाद कुछ प्रोजेक्ट की घोषणा राज्य सरकार आने वाले बजट में भी कर सकती है। प्लान पर नजर डालें तो सार्वजनिक परिवहन पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया है। साथ ही राहगीरों के लिए भी राह आसान करने की बात सोची गई है। यदि ये प्लान चरणबद्ध तरीके से जमीन पर उतरा तो लोगों को जरूर राहत मिलेगी। वहीं, यदि फाइलों में दफन हो गया तो लोगों के हिस्से में और परेशानी आना तय है।

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तीन चरणों में प्लान होगा पूरा

चरणअवधि (कब से–कब तक)अनुमानित लागत (करोड़ रुपए में)
पहलावर्ष 2025 से 2030 तक17,710
दूसरावर्ष 2031 से 2040 तक15,572
तीसरावर्ष 2041 से 2055 तक9,145

मेट्रो पर 34 हजार करोड़ खर्च की प्लानिंग

-प्लान में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को रीढ़ बनाने पर जोर दिया गया है। ड्राफ्ट के अनुसार जयपुर मेट्रो के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण में मेट्रो चलाने का प्रस्ताव है। तीनों चरणों की अनुमानित लागत 34 हजार करोड़ रुपए बताई गई है।
-3550 इलेक्ट्रिक स्टैण्डर्ड बसें चरणबद्ध तरीके से संचालित करने की बात कही है। करीब 3500 करोड़ रुपए में इनकी खरीद होगी। वहीं, 300 इलेक्ट्रिक मिनी व मिडी बसें भी खरीदने का प्रस्ताव दिया गया है। इन पर करीब 90 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

10 बस टर्मिनल की योजना

-10 बस टर्मिनल शहर के बाहरी इलाकों में विकसित किए जाएं। इन पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
-4 फ्रेट टर्मिनल की भी बताई है जरूरत, इन पर 80 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
-30 लाख वर्गमीटर से अधिक नई सड़कें प्रस्तावित हैं। इन पर 87.7 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
95 हजार वर्ग मीटर फुटपाथ
-ड्राफ्ट प्लान में राहगीरों के लिए करीब 95 हजार वर्ग मीटर फुटपाथ बनाए जाने की जरूरत बताई है। इसे बनाने में करीब 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा 1.5 से 2 मीटर चौड़े फुटपाथों का निर्माण भी किया जाएगा।

5 जंक्शन पर फ्लाईआवेर

पीवीसी कर्नल होशियार सिंह मार्ग (क्वींस रोड) स्थित विजय द्वार तिराहे पर 780 मीटर लंबा यह फ्लाईओवर प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा न्यू सांगानेर रोड पर भगत सिंह चौराहे पर, बीलवा रोड पर, टोडी मोड और नींदड़ मोड पर फ्लाईओवर की बात प्लान में कही गई है।

7 में से एक भी एलिवेटेड फिजिबिल नहीं

  • ओटीएस सर्कल से जवाहर जवाहर सर्कल तक एलिवेटेड रोड प्रस्तावित की गई है। इस पर 300 करोड़ रुपए खर्च करने की बात प्लान में कही गई है।
  • ट्रांसपोर्ट नगर से बालाजी मोड़ तक आठ किमी लम्बी एलिवेटेड रोड पर 820 करोड़ रुपए खर्चा बताया है।
  • गुर्जर की थड़ी से त्रिवेणी पुलिया तक एलिवेटेड रोड प्रस्तावित की गई है। मौके पर इसका काम भी शुरू हो गया है।
  • खातीपुरा आरओबी से झोटवाड़ा आरओबी तक एलिवेटेड रोड प्रस्तावित की है। हालांकि, इसे जेडीए ने फिजिबल नहीं माना है।
  • सांगानेर सर्कल से चौरड़िया पेट्रोल पंप तक भी एलिवेटेड रोड का काम अगले माह से शुरू हो जाएगा।

फाटक मुक्त करने की तैयारी

  • प्लान के अनुसार बिंदायका, कनकपुरा और शिकारपुरा फाटक को आने वाले कुछ वर्षों में फाटक से मुक्त करना होगा। यहां यातायात का दबाव बढ़ रहा है। वहीं, सीबीआइ फाटक,सालिगरामपुरा फाटक और सिविल लाइंस फाटक पर आरओबी का काम चल रहा है।-इमलीवाला फाटक, जगतपुरा, राजीव गांधी नगर और हसनपुरा फाटक पर अंडरपास की जरूरत बताई गई है।

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Published on:
23 Dec 2025 07:40 am
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