भक्तों ने दोनों संतों का आशीर्वाद लिया और इस मिलन को धार्मिक इतिहास का एक प्रेरणादायक पल बताया।
जयपुर। सांगानेर के गायत्री भवन में वाररवि को अध्यात्म और सद्भाव का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब पशुपतिनाथ मंदिर के महंत कमलेश महाराज और जैन मुनि श्रवणाचार्य सुंदर सागर महाराज एक दूसरे से मिले। इस मिलन ने धार्मिक सौहार्द, राष्ट्रभावना और एकता का सशक्त संदेश दिया। कार्यक्रम में जैन और सनातन धर्म के सैकड़ों भक्त मौजूद रहे, जिन्होंने दोनों गुरुओं के एक मंच पर आगमन को ऐतिहासिक क्षण बताया। वातावरण भक्ति, शांति और आपसी सम्मान की भावना से ओत-प्रोत दिखाई दिया।
महंत कमलेश महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी धर्मों के अनुयायी और संत एक मंच पर आएं। उन्होंने कहा कि जरूरी यह नहीं कि आप किस धर्म को मानते हैं, बल्कि यह कि आप अपने धर्म और देश पर कितना भरोसा रखते हैं। आज की युवा पीढ़ी धीरे-धीरे सनातन परंपराओं से दूर होती जा रही है, इसलिए एकजुटता और संवाद बेहद आवश्यक हो गया है।
वहीं जैन मुनि सुंदर सागर महाराज ने भी समाज और संतों के बीच एकता को समय की मांग बताया। उन्होंने महंत कमलेश महाराज से मिलन को ‘अद्भुत और आत्मिक क्षण’ बताते हुए कहा कि यह समय है जब सभी धर्मों के संतों और गुरुओं को एक साथ खड़ा होना पड़ेगा। एकजुट होकर ही हम अपने धर्म, संस्कृति और मूल्यों की रक्षा कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में भक्तों ने दोनों संतों का आशीर्वाद लिया और इस मिलन को धार्मिक इतिहास का एक प्रेरणादायक पल बताया।