एडीएम ने विभिन्न संस्थानों पर लगाया 15 लाख से अधिक का अर्थदंड। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की विशेष टीम गठित कर निरंतर की जा रही जांच।
कोटपूतली-बहरोड़. जिले में संचालित होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, किराना दुकान एवं गोदामों में मिलावटी व अशुद्ध खाद्य पदार्थों के विरुद्ध प्रशासन सतर्कता से कार्रवाई कर रहा है। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओमप्रकाश सहारण के निर्देशन में
खाद्य सुरक्षा अधिकारी की विशेष टीम गठित कर निरंतर जांच की जा रही है। इसी क्रम में जांच के दौरान खाद्य पदार्थ मिसब्रांडेड, अनसेफ एवं सब-स्टैंडर्ड पाए जाने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वारा सुनवाई कर संबंधित फर्मों / खाद्य कारोबारकर्ताओं पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत अब तक लगभग 15 लाख रुपए तक का अर्थदण्ड लगाया जा चुका है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 96 के प्रावधान अनुसार फर्मों / खाद्यकारोबारकर्ता पर अधिरोपित कोई शास्ति यदि उसका संदाय नहीं किया जाता है तो भूराजस्व के बकाया के रूप में वसुल की जावेगी और शास्ति का संदाय होने तक व्यतिक्रमी की अनुज्ञप्ति निलंबित रहेगी।
एडीएम सहारण ने बताया कि यदि कोई खाद्य कारोबारकर्ता या विक्रेता ऐसा खाद्य पदार्थ बेचता है जिसमें गलत या अधूरी जानकारी दी गई हो, नकली ब्रांड नाम से पैकिंग की गई हो, विज्ञापन में भ्रामक दावे किए गए हों या पैकेट पर गलत वजन व सामग्री अंकित की गई हो तो वह खाद्य पदार्थ मिसब्रांडेड फूड की श्रेणी में आता है।
इस पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 52 के तहत 3 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी प्रकार यदि कोई खाद्य पदार्थ निर्धारित मानक गुणवत्ता का पालन नहीं करता, पोषण मानक पूरे नहीं करता, निर्धारित अनुपात से कम गुणवत्ता का होता है या उत्पादन एवं प्रोसेसिंग में लापरवाही पाई जाती है तो वह सब-स्टैंडर्ड फूड की श्रेणी में आता है। इस पर धारा 51 के तहत 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
वहीं ऐसा खाद्य पदार्थ जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो और जिसके सेवन से बीमारी या मृत्यु तक हो सकती है, जैसे जहरीले रसायन अथवा कीटनाशक अवशेषों से युक्त सब्जियां, फफूंदी लगा अनाज, फॉर्मलिन मिली मछली या दूषित पानी से बनी बर्फ आदि, उसे अनसेफ फूड माना जाता है। इस पर धारा 59 के तहत 6 माह से आजीवन कारावास तथा 1 लाख से 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
प्रशासन ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे खाद्य सामग्री खरीदते समय पैकेजिंग, लेबलिंग और गुणवत्ता की सावधानीपूर्वक जांच करें और किसी भी प्रकार की मिलावट की आशंका होने पर तुरंत सूचना दें।