जयपुर

Rajasthan Jobs: पहले रिश्तेदार को पास कराया, अब खुद कॉन्स्टेबल परीक्षा देने पहुंचा भूपेंद्र सिंह, जानिए AI ने कैसे खोली पोल

भूपेंद्र सिंह पहले अपने रिश्तेदार की जगह परीक्षा दे चुका था और अब खुद परीक्षा देने पहुंचा, लेकिन AI की पैनी नज़र से बच नहीं सका।

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Sep 16, 2025
Photo- Patrika

जयपुर। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब पुलिस के लिए मददगार साबित हो रही है। ताजा मामला जयपुर में राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती का है। रविवार को हुई परीक्षा में एक 20 वर्षीय अभ्यर्थी शामिल हुआ था, उसे पुलिस ने बायोमेट्रिक जांच और एआई की मदद से पूर्व में की गई परीक्षा में धोखाधड़ी के मामले में पकड़ लिया। पुलिस जांच में पता चला है कि उसने पहले अपने रिश्तेदार के स्थान पर परीक्षा दी थी। मामले में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

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रिश्तेदार की जगह दी थी परीक्षा

डीसीपी (पुलिस उपायुक्त,पश्चिम) हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया कि आरोपी भूपेंद्र सिंह निवासी धौलपुर वर्तमान में तेजाजी नगर जयपुर में रह रहा है। वह मुरलीपुरा स्थित परीक्षा केंद्र पर परिक्षा देने आया था। यहां एआई तकनीक से अलर्ट जारी किया गया।

सिंधी कैंप बस स्टैंड पर छात्रों की भीड़. Photo- Patrika

जांच में सामने आया कि भूपेंद्र ने पहले अपने रिश्तेदार धर्मवीर गुर्जर (धौलपुर) की जगह प्री डी.एल.एड परीक्षा 2025 में दी थी। यह राज्य स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जिससे डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) में प्रवेश मिलता है। धर्मवीर परीक्षा पास कर चुका है और फिलहाल सवाई माधोपुर में शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है।

मल्टी-लेयर्ड परीक्षा सुरक्षा प्रणाली आई काम

पुलिस के अनुसार इस बार भूपेंद्र खुद के लिए कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में बैठा था। इस दौरान बायोमेट्रिक स्कैन और एआई आधारित फोटो मिलान से उसका पुराना रिकॉर्ड सामने आ गया। आरोपी को "मल्टी-लेयर्ड परीक्षा सुरक्षा प्रणाली" की मदद से पकड़ा गया।

सिंधी कैंप बस स्टैंड पर छात्रों की भीड़. Photo- Patrika

एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया यह इस तकनीक की शुरुआत है, जहां AI ने क्रॉस-मिलान कर अभ्यर्थी का पूर्व की परीक्षा में धोखाधड़ी से जुड़ा रिकॉर्ड पकड़ा लिया। प्रणाली ने तुरंत भूपेंद्र के फिंगरप्रिंट और उच्च गुणवत्ता वाली फोटो को उसके पहले के परीक्षा रिकॉर्ड से मिलाकर पहचान कर ली।

अब तक 13 संदिग्धों की हुई पहचान

एडीजी (एसओजी) वी.के. सिंह ने बताया कि दो दिनों में इस तकनीक की मदद से 13 ऐसे संदिग्धों की पहचान की गई है, जो पहले की परीक्षा में धोखाधड़ी की थी। आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, AI बायोमेट्रिक स्कैन को केंद्रीकृत डेटाबेस से क्रॉस-चेक कर तुरंत गड़बड़ी को पकड़ लेता है और अभ्यर्थियों को पिछले रिकॉर्ड से जोड़ देता है।

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Updated on:
16 Sept 2025 04:21 pm
Published on:
16 Sept 2025 04:12 pm
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