जयपुर

AI ने बदला बुवाई का खेल, राजस्थान सहित 13 राज्यों के 3.88 करोड़ किसानों को मिला सटीक मानसून अलर्ट

Rajasthan farmers AI alert: राजस्थाना के सूखा क्षेत्रों में भी पहुंचा AI मानसून पूर्वानुमान, बाजरा-मूंगफली की सही टाइमिंग। 125 साल के IMD डेटा + AI = 3.88 करोड़ किसानों को SMS पर सही बुवाई सलाह, स्मार्ट खेती की नई शुरुआत।

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Dec 06, 2025

AI-based monsoon forecast: जयपुर/नई दिल्ली. कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि खरीफ 2025 के लिए भारत सरकार ने राजस्थान सहित 13 राज्यों में एआई आधारित पायलट प्रोजेक्ट चलाया। इसके तहत 3 करोड़ 88 लाख 45 हजार 214 किसानों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में एसएमएस के जरिए प्रारंभिक मानसून की सटीक भविष्यवाणी भेजी गई। राजस्थान के सूखा प्रभावित जिलों के किसानों ने इस पूर्वानुमान के आधार पर बुआई का समय बदला और मूंगफली, बाजरा, ज्वार जैसी कम पानी वाली फसलों का चुनाव किया। मंत्री ने बताया कि कृषि मंत्री ने कहा कि 2026-27 से यह सुविधा पूरे देश में लागू की जाएगी।

प्रोजेक्ट में ओपन-सोर्स मिश्रित एआई मॉडल का उपयोग हुआ जिसमें ये सब शामिल

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  • NeuralGCM न्यूरल जनरल सर्कुलेशन मॉडल- एक एआई आधारित मौसम मॉडल जो पृथ्वी के वायुमंडल की पूरी गतिविधि को अनुकरण करता है
  • ECMWF: European Centre for Medium-Range Weather Forecasts (यूरोप का सबसे विश्वसनीय मौसम पूर्वानुमान संस्थान)
  • AIFS : Artificial Intelligence Forecasting System (ECMWF का खुद का AI आधारित मौसम पूर्वानुमान सिस्टम)
  • IMD : India Meteorological Department (भारत सरकार का आधिकारिक मौसम विभाग)

किसानों ने बताया उपयोगी

इस योजना के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के चुनिंदा जिलों को कवर किया गया। किसानों को एसएमएस हिंदी, मराठी, बांग्ला, ओडिया और पंजाबी भाषाओं में भेजे गए। मध्य प्रदेश-बिहार में सर्वे में 31-52त्न किसानों ने बताया कि उन्होंने एआई पूर्वानुमान के आधार पर बुआई तिथि, भूमि तैयारी और फसल चयन में बदलाव किया। राजस्थान के किसानों ने भी इसे अत्यंत उपयोगी बताया।

राजस्थान के किसानों को मिला फायदा

जोधपुर, बीकानेर, चूरू, नागौर, बाड़मेर आदि जिलों में मानसून देरी का सटीक पूर्वानुमान किसानों को मिला। बुआई 7-15 दिन आगे-पीछे की। पानी और बीज की बचत हुई। कम पानी वाली फसलों का चुनाव किया। उत्पादन लागत घटी।

सरकार की अन्य एआई पहल

  • किसान ई-मित्र- एआई चैटबॉट (PM-KISAN, PMFBY, KCC संबंधी सवालों के लिए) रोज 8,000 से अधिक सवाल, अब तक 93 लाख से ज्यादा का हल किया।
  • राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली →AI + ML से 66 फसलों पर 432 कीटों की पहचान, 10,000+ कृषि कार्यकर्ता इस्तेमाल कर रहे
  • PM-KISAN – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
  • PMFBY – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
  • KCC – किसान क्रेडिट कार्ड
  • उपग्रह के साथ ही AI आधारित फसल मानचित्रण और मौसम मिलान किया गया।

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Updated on:
06 Dec 2025 03:32 pm
Published on:
06 Dec 2025 03:30 pm
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