Rajasthan farmers AI alert: राजस्थाना के सूखा क्षेत्रों में भी पहुंचा AI मानसून पूर्वानुमान, बाजरा-मूंगफली की सही टाइमिंग। 125 साल के IMD डेटा + AI = 3.88 करोड़ किसानों को SMS पर सही बुवाई सलाह, स्मार्ट खेती की नई शुरुआत।
AI-based monsoon forecast: जयपुर/नई दिल्ली. कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि खरीफ 2025 के लिए भारत सरकार ने राजस्थान सहित 13 राज्यों में एआई आधारित पायलट प्रोजेक्ट चलाया। इसके तहत 3 करोड़ 88 लाख 45 हजार 214 किसानों को उनकी क्षेत्रीय भाषा में एसएमएस के जरिए प्रारंभिक मानसून की सटीक भविष्यवाणी भेजी गई। राजस्थान के सूखा प्रभावित जिलों के किसानों ने इस पूर्वानुमान के आधार पर बुआई का समय बदला और मूंगफली, बाजरा, ज्वार जैसी कम पानी वाली फसलों का चुनाव किया। मंत्री ने बताया कि कृषि मंत्री ने कहा कि 2026-27 से यह सुविधा पूरे देश में लागू की जाएगी।
प्रोजेक्ट में ओपन-सोर्स मिश्रित एआई मॉडल का उपयोग हुआ जिसमें ये सब शामिल
इस योजना के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के चुनिंदा जिलों को कवर किया गया। किसानों को एसएमएस हिंदी, मराठी, बांग्ला, ओडिया और पंजाबी भाषाओं में भेजे गए। मध्य प्रदेश-बिहार में सर्वे में 31-52त्न किसानों ने बताया कि उन्होंने एआई पूर्वानुमान के आधार पर बुआई तिथि, भूमि तैयारी और फसल चयन में बदलाव किया। राजस्थान के किसानों ने भी इसे अत्यंत उपयोगी बताया।
जोधपुर, बीकानेर, चूरू, नागौर, बाड़मेर आदि जिलों में मानसून देरी का सटीक पूर्वानुमान किसानों को मिला। बुआई 7-15 दिन आगे-पीछे की। पानी और बीज की बचत हुई। कम पानी वाली फसलों का चुनाव किया। उत्पादन लागत घटी।
सरकार की अन्य एआई पहल