Amayra Suicide Case: नीरजा मोदी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की आत्महत्या के मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूल के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।
जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की आत्महत्या के मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) ने स्कूल के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। सीबीएसइ ने नीरजा मोदी स्कूल की कक्षा 9 से 12 तक की संबद्धता (मान्यता) वापस ले ली है। इसके चलते स्कूल आगामी सत्र से इन कक्षाओं में प्रवेश नहीं दे सकेगा। हालांकि वर्तमान सत्र में बच्चों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे अपनी परीक्षाएं दे सकेंगे। कक्षा 1 से 8 तक के संचालन को लेकर निर्णय राज्य सरकार करेगी। स्कूल में कक्षा एक से 12वीं तक 5500 से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं।
पूर्ण सुरक्षा मापदंड पूरे करने पर स्कूल सत्र 2027-28 में पुनः संबद्धता के लिए आवेदन कर सकेगा। गौरतलब है कि छात्रा अमायरा की मौत के बाद सीबीएसइ की जांच समिति ने स्कूल का निरीक्षण किया था, जिसमें सुरक्षा से जुड़ी कई गंभीर खामियां पाई गईं। इन्हीं आधारों पर संबद्धता वापस लेने का निर्णय किया गया।
सवाल: जो बच्चे कक्षा 9 और 11 में आएंगे, उनका क्या होगा?
जो विद्यार्थी वर्तमान में कक्षा 8 में हैं और परीक्षा के बाद कक्षा 9 में जाएंगे, उन्हें किसी अन्य स्कूल में प्रवेश लेना होगा। इसी तरह कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा पास कर कक्षा 11 में जाने वाले छात्रों को भी दूसरे स्कूल में प्रवेश लेना होगा।
सवाल: जो बच्चे कक्षा 10 और 12 में जाएंगे, उनका क्या होगा?
कक्षा 9 से 10वीं बोर्ड या कक्षा 11 से 12वीं में जाने वाले विद्यार्थियों का प्रवेश सीबीएसइ अन्य स्कूलों में अप्रूव करेगा। विद्यार्थी नजदीकी या अपनी इच्छा से किसी भी स्कूल में प्रवेश ले सकेंगे।
सवाल: 8वीं तक के बच्चों का क्या होगा?
सीबीएसइ ने जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर स्कूल की कक्षा 9 से 12 तक की संबद्धता वापस ली है। कक्षा 1 से 8 तक के संबंध में निर्णय शिक्षा विभाग के अधीन रहेगा। विभाग के कोई निर्णय लिए जाने तक स्कूल इन कक्षाओं का संचालन कर सकेगा।
1. छात्रों की आवाजाही पर पर्याप्त सीसीटीवी निगरानी नहीं, न्यूनतम 15 दिन की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध नहीं।
2. ऊपरी मंजिलों के गलियारों और खुले क्षेत्रों में सुरक्षा स्टील जाल नहीं।
3. स्कूल में उचित परामर्श प्रणाली नहीं थी, परामर्शदाता सतर्क नहीं।
4. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बाल सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन नहीं।
5. एंटी-बुलिंग समिति और नीति नहीं।
6. स्कूल ने तुरंत खून से सनी सीढ़ियों और उस क्षेत्र को साफ कर दिया, जिसे एजेंसियों को फोरेंसिक विश्लेषण और जांच के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए था।
7. अधिकांश कर्मचारी और छात्र बिना पहचान पत्र के पाए गए।
8. छात्रों की आवाजाही पर निगरानी के लिए मंजिलों पर सतर्क कर्मचारियों की कमी।
9. सीसीटीवी और छात्र निगरानी के लिए कोई समर्पित स्टाफ तैनात नहीं।
सीबीएसइ ने कहा कि एक नवंबर को स्कूल में हुई दुखद घटना में कक्षा 4 की नौ वर्षीय छात्रा की चौथी मंजिल से गिरने के बाद मौत हो गई। इस घटना ने व्यापक सदमे और पीड़ा को जन्म दिया है। यह घटना गंभीर सार्वजनिक चिंता का विषय बन गई है। यह मामला छात्रों की सुरक्षा और स्कूल संबद्धता उप-नियमों और अन्य वैधानिक प्रावधानों के तहत निर्धारित अनिवार्य सुरक्षा मानकों के अनुपालन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस विषय पर प्रतिक्रिया के लिए स्कूल प्रिंसिपल इंदु दुबे से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्हें मोबाइल से संदेश भी भेजा गया, मगर कोई जवाब नहीं मिला।