Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सबसे अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है।
जयपुर। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सबसे अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। उनके साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को भी चुनाव पर्यवेक्षक बनाया गया है। कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि गहलोत का लंबा राजनीतिक अनुभव और चुनावी रणनीतियों में पकड़ बिहार में पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी के.सी. वेणुगोपाल की तरफ से पत्र जारी करके यह जानकारी साझा की गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हवाले से लिखे गए पत्र के मुताबिक, इन तीनों नेताओं की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। वहीं, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है।
चुनाव की तैयारियों को जमीनी स्तर तक मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने 41 जिला पर्यवेक्षकों की भी घोषणा की है। इनमें कई बड़े और अनुभवी नेता शामिल हैं। राजस्थान से हरीश चौधरी, अशोक चांदना, रामलाल जाट, रफीक खान, अभिमन्यु पूनिया, करण सिंह उचियारड़ा और अनिल चौपड़ा को अहम जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, अविनाश पांडे, अजय कुमार लल्लू, भक्ता चरण दास, तानुज पुनिया, संजय कपूर, प्रवीण पाठक जैसे नेता भी इस सूची में शामिल हैं।
कांग्रेस ने इस बार टीमवर्क और क्षेत्रीय संतुलन पर विशेष जोर दिया है। पार्टी चाहती है कि बिहार में संगठन को मजबूत करते हुए चुनावी मुकाबले में विपक्षी गठबंधन के भीतर अपनी भूमिका को और मजबूत बनाया जाए। अशोक गहलोत जैसे कद्दावर नेता को सामने लाना इस रणनीति का बड़ा हिस्सा माना जा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाला है। उससे पहले कांग्रेस ने जो नियुक्तियां की हैं, उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह और विपक्षी खेमे में बेचैनी के रूप में देखा जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि गहलोत और उनकी टीम चुनावी रणनीति को किस दिशा में मोड़ते हैं।