13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भ्रष्टाचार और लापरवाही करने वाले 28 सरकारी कार्मिकों पर चला ‘सीएम का डंडा’, 2 RAS अफसर सस्पेंड

15 प्रकरणों में कुल 28 कार्मिकों के विरुद्ध विभिन्न अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के 2 अधिकारियों को निलम्बित किया गया है। वहीं भ्रष्टाचार के 5 मामलों में दोषी कार्मिकों की पेंशन रोकी गई है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Kamal Mishra

Oct 04, 2025

Cm Bhajanlal

सीएम भजनलाल शर्मा (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। राज्य सरकार में सुशासन और जवाबदेही को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का रुख लगातार सख्त बना हुआ है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की गई है। भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामलों में 15 प्रकरणों के तहत कुल 28 कार्मिकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

सरकार के इस कदम ने स्पष्ट संदेश दिया है कि शासन-प्रशासन में ढिलाई, नियमों की अनदेखी या रिश्वतखोरी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया है कि सरकारी सेवा में ईमानदारी सर्वोपरि है और दोषी पाए गए अधिकारी-कर्मचारी किसी भी पद पर हों, कार्रवाई से नहीं बच सकेंगे।

2 RAS अधिकारी सस्पेंड

मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों को रिश्वत लेने और नियम विरुद्ध कार्य करने के आरोपों में निलंबित किया गया है। वहीं, चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने के एक मामले में एक उपखंड अधिकारी और एक तहसीलदार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।

इसी क्रम में सेवा से लगातार अनुपस्थित रहने और कार्य में लापरवाही करने वाले एक कार्मिक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की अनुशंसा भी मंजूर की गई है।

5 अधिकारियों की रोकी गई पेंशन

सरकार ने तीन प्रकरणों में 13 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्रदान की है, ताकि लंबित भ्रष्टाचार मामलों का निपटारा तेजी से किया जा सके। भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषसिद्ध अधिकारियों की पूरी पेंशन रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, राज्यपाल द्वारा अनुमोदित तीन अन्य मामलों में पांच अधिकारियों की समानुपातिक पेंशन राशि रोकने का दंड तय किया गया है।

पुलिस अधिकारी की अपील खारिज

सेवानिवृत्ति के बाद जांच में आरोप साबित होने पर एक मामला राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। वहीं, नियम 17-सीसीए के तहत अधिकार क्षेत्र से बाहर काम करने पर एक प्राचार्य को दंडित किया गया है। इसके साथ ही, नियम 34-सीसीए के तहत पुनरावलोकन याचिका दाखिल करने वाले एक पुलिस अधिकारी की अपील खारिज करते हुए पूर्व दंड को यथावत रखा गया है।