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Cough Syrup Death: कफ सिरप से मौत मामले पर बोले खींवसर; ‘दवा पीने से नहीं गई जान, सिरप में कोई जानलेवा पदार्थ नहीं मिला’

Cough Syrup Death: राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने जोधपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कफ सिरप पीने से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई। वहीं सरकारी अस्पताल में आंखें निकालने के सवाल पर मंत्री उठ कर चले गए।

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Health Minister Gajendra Singh Khinvsar

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर जोधपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए। (फोटो-पत्रिका)

जोधपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि कफ सिरप सेवन के बाद हुई बच्चों की मौत मामले में सरकार ने एक एक कमेटी बनाई और दूसरी कमेटी और बन रही है। हमने निष्पक्ष होकर इसकी पूरी जांच की है। आरएमएससीएल और ड्रग कंट्रोलर ने मिलकर जांच की। इसमें कोई जानलेवा पदार्थ नहीं पाया गया है। दवाओं की वजह से यह मौत नहीं हुई।

जोधपुर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री खींवसर ने आगे कहा कि हमारे पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक के किसी भी चिकित्सक द्वारा दवा को प्रिस्क्राइब करने के बाद मौत नहीं हुई। दो जगह डॉक्टर व फार्मासिस्ट ने प्रिस्काइब की थी, लेकिन उन बच्चों की अब सेहत में सुधार है। यदि किसी एडल्ट को खांसी की दवा दी जाती है और वही दवा दो साल के बच्चे को देते हैं तो उसका इफेक्ट आता ही है। प्रेस वार्ता के बीच अधिकारियों से भी मंत्री हर बात की जानकारी लेते नजर आए। अंत में बिना अनुमति सरकारी अस्पतालों से आंखें निकालने के सवाल पर मंत्री बिना जवाब दिए कि चले गए।

दो बच्चों में को-मॉर्बिट लक्षण

मासूम बच्चों की मौत के कारण के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इनमें से दो बच्चों को को-मॉर्बिट लक्षण थे, यह उनके परिवार को भी पता है। इस दवा से या ओवरडोज से मौत नहीं हुई है। लेकिन फिर भी जैसे ही डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न दवा के सेवन के बाद मौतों की जानकारी सामने आई हमने उसी समय उसके उपयोग पर रोक लगा दी। यह रोक जारी है। यदि आगे भी जनता को किसी भी दवा पर कोई शक व शिकायत है तो उसकी जांच करवाएंगे।

1 लाख 33 हजार लोग सेवन कर चुके

चिकित्सा मंत्री ने दवा के सेवन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 2012 से अब तक एक लाख 33 हजार लोग इसका सेवन कर चुके हैं। पिछले माह ही 13 हजार से ज्यादा लोगों ने दवा सेवन की है। फिर भी इसी कंपनी की 19 प्रकार की दवाओं पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसी सॉल्ट की अन्य दवाओं के निजी स्तर पर बिक्री के सवाल पर मंत्री ने कहा कि इसकी भी जांच करवाएंगे। जोधपुर के सरकारी अस्पतालों में अब भी दवा बंटने की शिकायत पर बोले कि इसकी भी जांच करवाएंगे। दवाओं में साल्ट की मात्रा के आधार पर मानक निर्धारण की प्रक्रिया को प्रभावित करने के मामले में सख्त एक्शन लेते हुए औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा को भी निलंबित किया गया था।