farming incentives: कृषि विपणन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, अब उपहार कूपन केवल उन किसानों को जारी किए जाएंगे, जिनकी जिंसों की बिक्री ई-नाम पोर्टल पर दर्ज होगी और भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से प्राप्त होगा।
Krishak Upahar Yojana: जयपुर। राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘कृषक उपहार योजना’ में संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन से अब किसानों को डिजिटल और पारदर्शी तरीके से कृषि जिंसों की बिक्री के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है कि योजना का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा, जो ई-नाम पोर्टल के माध्यम से अपनी उपज बेचेंगे और ई-पेमेंट (इलेक्ट्रॉनिक भुगतान) प्रणाली के जरिए भुगतान प्राप्त करेंगे।
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कृषि विपणन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, अब उपहार कूपन केवल उन किसानों को जारी किए जाएंगे, जिनकी जिंसों की बिक्री ई-नाम पोर्टल पर दर्ज होगी और भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से प्राप्त होगा। पहले की योजना में देखा गया था कि ई-नाम पर विक्रय पर्चियों की तुलना में ई-पेमेंट पर जारी कूपन की संख्या काफी कम थी। इस संशोधन से न केवल ई-नाम पोर्टल पर बिक्री को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसान और व्यापारी सुरक्षित और त्वरित डिजिटल लेन-देन के लिए भी प्रेरित होंगे।
ई-पेमेंट के माध्यम से प्राप्त कृषि उपज की बिक्री पर प्रति 10,000 रुपए और इसके गुणकों के आधार पर ई-नाम सॉफ्टवेयर द्वारा उपहार कूपन जारी किए जाएंगे।
प्रत्येक 6 माह में मंडी स्तर पर ड्रॉ के माध्यम से पुरस्कार वितरित किए जाएंगे,
प्रथम पुरस्कार: 50,000 रुपए
द्वितीय पुरस्कार: 30,000 रुपए
तृतीय पुरस्कार: 20,000 रुपए
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा,"हमारी सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोडऩे के लिए प्रतिबद्ध है। यह संशोधन न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि किसानों को सुरक्षित और त्वरित भुगतान की सुविधा भी प्रदान करेगा।" यह कदम किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ जोडऩे और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे ई-नाम पोर्टल का उपयोग बढ़ेगा और डिजिटल लेन-देन को अपनाने में तेजी आएगी।