RSSB Patwari Bharti: RSSB अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है। उम्मीदवार का चेहरा और आंखों का स्कैन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पहले से उपलब्ध रिकॉर्ड से मिलाया जाता है
RSSB Patwari Bharti: जयपुर। राजस्थान में सरकारी नौकरियों की सबसे चर्चित परीक्षाओं में से एक पटवारी भर्ती परीक्षा एक बार फिर चर्चा में है। 17 अगस्त को हुई इस परीक्षा में तकनीक ने धोखाधड़ी का बड़ा पर्दाफाश किया। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने बायोमेट्रिक फेस और आई स्कैनिंग के जरिए ऐसे छह अभ्यर्थियों को पकड़ लिया, जो किसी और के नाम पर परीक्षा दे रहे थे।
जांच में सामने आया कि ये उम्मीदवार पहले भी अलग-अलग नामों से परीक्षाओं में शामिल हो चुके हैं। बोर्ड ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी को परीक्षा से बाहर कर दिया और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। अब ये सभी भविष्य की परीक्षाओं से भी वंचित रहेंगे।
RSSB अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आलोक राज ने बताया कि परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है। उम्मीदवार का चेहरा और आंखों का स्कैन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पहले से उपलब्ध रिकॉर्ड से मिलाया जाता है। जब सिस्टम ने मिलान किया, तो इन छह लोगों की पहचान सामने आ गई। राज ने कहा, बोर्ड का सॉफ्टवेयर सिर्फ नई परीक्षा ही नहीं बल्कि पूर्व में दी गई परीक्षाओं का भी डाटा चेक करता है। इसी कारण इन फर्जी उम्मीदवारों की पोल खुली।
पकड़े जाने के बाद उम्मीदवारों को सीधे परीक्षा हॉल से बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि अब ऐसे तत्वों को किसी भी भर्ती प्रक्रिया में मौका नहीं दिया जाएगा। आलोक राज ने कहा कि पुलिस और एसओजी को सभी जानकारियां उपलब्ध करा दी गई हैं।
यह खुलासा बताता है कि किस तरह से भर्ती परीक्षाओं में डमी उम्मीदवारों का नेटवर्क काम करता है। लेकिन इस बार तकनीक ने उन्हें मात दे दी। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम उन हजारों अभ्यर्थियों के लिए राहत की खबर है, जो ईमानदारी से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस साल के अंत तक, आरएसएसबी के पास राज्य के अधिकांश युवाओं का डेटा उपलब्ध हो जाएगा जो भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने के पात्र हैं, जिससे सुरक्षा जांच की प्रक्रिया और मजबूत होगी। यह संभव होगा क्योंकि सितंबर और अक्टूबर में दो प्रमुख परीक्षाएं आयोजित होने वाली हैं, जिनमें क्रमशः 10 लाख और 25 लाख से ज़्यादा छात्र भर्ती परीक्षाओं में शामिल होंगे।