जयपुर

SMS के घूसखोर न्यूरोसर्जन की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने नहीं मिली ​जमानत; विभाग ने भी किया सस्पेंड

बिल पास करने के बदले रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार जयपुर के एसएमएस अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल की मुश्किलें और बढ़ गई है।

less than 1 minute read
Oct 18, 2025
डॉ. मनीष अग्रवाल। फोटो: पत्रिका

जयपुर। बिल पास करने के बदले रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार जयपुर के एसएमएस अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल की मुश्किलें और बढ़ गई है। भ्रष्टाचार निवारण मामलों की जयपुर महानगर-द्वितीय क्षेत्र की विशेष अदालत क्रम-1 ने डॉ. अग्रवाल व सहयोगी जगत सिंह की जमानत मंजूर करने से इनकार कर दिया।

न्यायालय ने टिप्पणी की कि लोक सेवकों में बढ़ती कमीशनखोरी की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश जरूरी है, इससे भ्रष्टाचारियों में भय पैदा होगा और आमजन के कार्य सुगमता से होंगे।

ये भी पढ़ें

Jaipur Metro: पहली बार केंद्र का साथ… जयपुर मेट्रो फेज-2 का काम पकड़ेगा रफ्तार; इन प्रमुख क्षेत्रों से गुजरेगा ट्रैक

गिरफ्तारी के 8 दिन बाद डॉ. अग्रवाल निलंबित

उधर, कार्मिक विभाग ने गिरफ्तारी के 8 दिन बाद शुक्रवार को डॉ. अग्रवाल को निलंबित कर दिया। डॉ. अग्रवाल सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के भी प्रभारी रहे हैं। न्यायालय ने रिश्वत के रूप में एक लाख रुपए प्राप्त करने और उसे खुर्द-बुर्द करने के प्रयास के आरोप में जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अनुसंधान विचाराधीन है।

शिकायत के बाद भी जांच में ढिलाई

एसएमएस अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल को कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को निलंबित कर दिया। निलंबन काल के दौरान मुख्यालय डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज जोधपुर रहेगा। डॉक्टर 9 अक्टूबर को गोपालपुरा स्थित निवास पर एक लाख रुपए लेते पकड़ा। उस पर आरोप है कि न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष के तौर पर मस्तिष्क में काम आने वाली कॉइल का बिल स्वीकृत करने के लिए रिश्वत की मांग की।

ये भी पढ़ें

Rajasthan: अवैध बसों के संचालन पर डिप्टी सीएम और सचिव नहीं दे पाए जवाब, गिनाने लगे विभाग की उपलब्धियां

Also Read
View All

अगली खबर