जयपुर

शीतलहर के कहर: दूध उत्पादन घटने से पशुपालकों पर आर्थिक संकट का साया

livestock care: अत्यधिक ठंड के कारण पशु जल्दी बीमार पड़ते हैं, और उनका दुग्ध उत्पादन घट जाता है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

2 min read
Dec 18, 2024

जयपुर। सर्दी के मौसम में शीतलहर का प्रभाव न केवल इंसानों पर बल्कि पशुओं पर भी गहरा पड़ता है। विशेष रूप से दुधारू पशुओं पर इसका असर बहुत अधिक होता है, जिससे उनके दूध देने की क्षमता में गिरावट आ सकती है। अत्यधिक ठंड के कारण पशु जल्दी बीमार पड़ते हैं, और उनका दुग्ध उत्पादन घट जाता है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए पशुपालकों को अपने पशुओं की विशेष देखभाल और ठंड से बचाव के उपायों की आवश्यकता है।

पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा है कि राज्य में ठंड बढ़ने के साथ कुछ जगहों पर शीतलहर की शुरुआत हो चुकी है। कई जिलों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया जा रहा है। इतने कम तापमान से न केवल इंसान बल्कि पशु पक्षी भी प्रभावित होते हैं। खासकर दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन पर ठंड का बहुत असर पड़ता है। अधिक ठंड के कारण दुधारू पशु अक्सर जल्दी बीमार पड़ते हैं और दूध देना कम कर देते हैं। इसके कारण पशुपालकों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

शीतलहर से पशुओं को बचाने के लिए नीचे दिए गए 10 महत्वपूर्ण उपाय हैं

पशुओं को ठंड से बचाएं: सर्दी में पशुओं को खुले में न रखें। उन्हें ठंड से बचाने के लिए उन्हें कंबल या जूट के बोरों से ढककर रखें।

रात को पशुओं को बंद स्थान पर रखें: रात के समय पशुओं को खुले में न बांधें, ताकि वे ठंड से सुरक्षित रह सकें।

पशुओं को धूप में रखें: दिन के समय यदि संभव हो, तो पशुओं को धूप में रखें ताकि वे गर्म रहें।

सही आहार दें: ठंड के मौसम में पशुओं का आहार विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। उन्हें सूखा चारा, मोटा अनाज और सरसों की खल अधिक मात्रा में दें।

गुड़ का सेवन कराएं: सप्ताह में दो बार पशुओं को गुड़ खिलाएं, जो उनकी सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।

पशुशाला को साफ और सूखा रखें: पशुशाला में सफाई का ध्यान रखें और सुनिश्चित करें कि जगह सूखी रहे, ताकि पशु बीमारियों से बचें।

छिड़काव करें: पशुशाला में समय-समय पर डिसइनफेक्टेंट का छिड़काव करके उसे विसंक्रमित रखें।

नियमित स्वास्थ्य परीक्षण: ठंड में पशुओं का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराएं, ताकि किसी भी बीमारी का समय रहते इलाज किया जा सके।

आहार दें: सर्दी के मौसम में पशुओं को अधिक ऊर्जा देने वाले आहार दें, जैसे कि घी, ताजा हरा चारा, और मूँगफली।

पशु चिकित्सालय से संपर्क करें: अगर पशुओं में किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो नजदीकी पशु चिकित्सालय से तुरंत संपर्क करें।

Updated on:
18 Dec 2024 11:15 am
Published on:
18 Dec 2024 11:11 am
Also Read
View All

अगली खबर