उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की मौत के मामले ने प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। रेजिडेंट डॉक्टरों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा।
उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की मौत के मामले ने प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। रेजिडेंट डॉक्टरों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच गुरुवार रात फिर उदयपुर मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में करंट लगने की घटना सामने आ गई। वाटर कूलर में करंट आने से रेजिडेंट डॉक्टरों में हड़कंप मच गया और सभी हॉस्टल में जमा होकर हंगामा करने लगे। इधर उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज नौवें दिन में पहुंच गई है। इसके साथ ही अजमेर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर और झालावाड़ के मेडिकल कॉलेजों में भी रेजिडेंट डॉक्टर कंप्लीट स्ट्राइक पर चले गए हैं। रेजिडेंट की स्ट्राइक से अस्पतालों में हालात बिगड़ गए है। मरीज परेशान हो रहे है। कल से जयपुर में भी रेजिडेंट कंपलीट स्ट्राइक पर जा सकते है।
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बता दें कि गुरुवार रात करीब 10:30 बजे उदयपुर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में रेजिडेंट पानी भर रहे थे। तभी वाटर कूलर से करंट लगने का झटका महसूस हुआ। इसके बाद सभी रेजिडेंट एकत्र होकर प्रिंसिपल और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सूचना पर हाथीपोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और माहौल शांत कराने की कोशिश की। रेजिडेंट डॉक्टर प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर और अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। कुछ देर बाद दोनों अधिकारी हॉस्टल पहुंचे। रेजिडेंट्स ने टेस्टर से चेक कर दिखाया कि स्विच बंद होने के बाद भी कूलर में करंट आ रहा है।
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वहीं इस घटना से पहले ही मृतक डॉक्टर रवि शर्मा की मौत को लेकर तनाव चल रहा था। डॉक्टरों का कहना है कि रवि शर्मा की मौत लापरवाही से हुई और अब तक इस पर सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उनकी मांग है कि इस मामले में जिन डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी की, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। साथ ही मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और हॉस्टल वार्डन के इस्तीफे की भी मांग की जा रही है। इसके अलावा मृतक के परिवार को दो करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग रखी गई है। रेजिडेंट्स ने साफ कहा है कि जब तक यह मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
जार्ड के एग्जीक्यूटिव मेंबर भारत पारीक ने बताया कि उदयपुर में डॉक्टर रवि की मौत को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। डॉक्टर लगातार अपनी बात कह रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो रही। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की मौत का नहीं, बल्कि सिस्टम में व्याप्त लापरवाही का उदाहरण है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो अब जयपुर में भी रेजिडेंट कंपलीट स्ट्राइक पर चले जाएंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज में पांच दिन से पेन डाउन हड़ताल जारी है। रेजिडेंट डॉक्टर प्रतिदिन दो घंटे काम बंद कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। लेकिन माना जा रहा है कि आज शाम तक एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट भी पूरी तरह स्ट्राइक पर जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो जयपुर के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी और हजारों मरीजों को परेशानी उठानी पड़ेगी।