शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में जोधपुर में कहा कि शिक्षकों को कक्षाओं में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि फोन स्कूलों में प्रिंसिपल के पास जमा कराए जाएं और शिक्षक उसे सिर्फ फ्री पीरियड में ही उपयोग करें।
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में मोबाइल फोन के उपयोग को लेकर शिक्षकों और विभाग के बीच टकराव गहराता जा रहा है। इस महीने चार शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई और एक शिक्षक के निलंबन के बाद अब यह मुद्दा चर्चा में है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग एक ओर मोबाइल फोन को कक्षा में प्रतिबंधित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए कई तरह के कार्य अनिवार्य कर रहा है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में जोधपुर में कहा कि शिक्षकों को कक्षाओं में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि फोन स्कूलों में प्रिंसिपल के पास जमा कराए जाएं और शिक्षक उसे सिर्फ फ्री पीरियड में ही उपयोग करें। मंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षक अक्सर स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं और यह दावा करते हैं कि उन्हें बहुत सारा काम करना पड़ता है, जबकि सच्चाई यह है कि अधिकांश जानकारी शाला दर्पण पोर्टल पर पहले से मौजूद है।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि सिर्फ हाजिरी दर्ज करना ही नहीं बल्कि कई काम मोबाइल एप्लीकेशन से करने पड़ते हैं। इनमें मिड-डे मील का विवरण अपलोड करना, विद्यार्थियों की प्रगति रिपोर्ट दर्ज करना, पठन-पाठन गतिविधियों की जानकारी साझा करना और विभागीय आदेशों का पालन करना शामिल है। शिक्षकों का कहना है कि अगर वे यह काम समय पर नहीं करते हैं तो विभाग से नोटिस मिल जाता है। वहीं अगर वे कक्षा में मोबाइल का उपयोग करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। यह विरोधाभास उन्हें असमंजस में डाल रहा है।
राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता नारायण सिंह सिसोदिया ने कहा कि विभाग की नीतियां एक-दूसरे से टकरा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमसे मोबाइल फोन से काम करवाया जाता है और जब हम फोन का उपयोग करते हैं तो हमें दंडित भी किया जाता है। यह स्थिति शिक्षकों के लिए असहज है।
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वहीं राजस्थान प्राइमरी और सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि संगठन चाहता है कि स्कूलों में मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में चाहती है कि शिक्षक सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें तो इस संबंध में स्पष्ट और ठोस दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए।