
माकपा सांसद अमराराम से वार्ता करते पुलिस अधिकारी। फोटो- पत्रिका
जोधपुर। लेह हिंसा के बाद गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मंगलवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सांसद अमराराम मुलाकात नहीं कर पाए। वे अपने समर्थकों और सहयोगियों के साथ जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे थे, लेकिन जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें मुलाकात की अनुमति नहीं दी।
इससे नाराज अमराराम और उनके समर्थकों ने जेल के बाहर वांगचुक के समर्थन में नारेबाजी की। जेल प्रशासन के अनुसार सांसद की प्रार्थना पर विचार किया गया था, लेकिन जेल नियमों और सुरक्षा की दृष्टि से मुलाकात अस्वीकृत करनी पड़ी। गौरतलब है कि वांगचुक के जोधपुर आने के बाद से जेल परिसर में सुरक्षा और अधिक कड़ी कर दी गई है। फिलहाल किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं है।
जेल के बाहर पत्रकारों से बातचीत में सांसद अमराराम ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी और दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों से वादे पूरे नहीं किए गए, विरोध करने वालों पर गोलियां चलाई गई और नेतृत्व कर रहे सोनम वांगचुक को जेल में डाल दिया गया।
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अमराराम ने कहा कि वांगचुक कोई आतंकी नहीं है कि उनसे मिलने तक नहीं दिया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि 2008 में जब उन्हें रातों-रात जेल से छोड़ा गया था, तब मैनुअल कहां था। आजाद भारत में केवल मुलाकात रोकने के लिए मैनुअल का सहारा लेना उचित नहीं है। माकपा सांसद ने सरकार से स्पष्ट करने की मांग की कि वह सोनम वांगचुक से मुलाकात की अनुमति कब और किन शर्तों पर देगी।
Published on:
30 Sept 2025 08:37 pm
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