जयपुर

Rajasthan: वसुंधरा राजे सहित 4 नेताओं को कोर्ट से बड़ी राहत, 10 साल पुरानी याचिका खारिज

Rajasthan News: महिंद्रा सेज की भूमि से जुड़े प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, तत्कालीन मंत्री गुलाब चंद कटारिया, को राहत मिल गई।

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Sep 18, 2025
गुलाब चंद कटारिया, वसुंधरा राजे और गजेन्द्र सिंह खींवसर। फोटो: पत्रिका

जयपुर। महिंद्रा सेज की भूमि से जुड़े प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, तत्कालीन मंत्री गुलाब चंद कटारिया, गजेन्द्र सिंह खींवसर व राजेन्द्र राठौड़ तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सी एस राजन, वीनू गुप्ता व अन्य को राहत मिल गई।

जयपुर के अधीनस्थ न्यायालय ने इस प्रकरण को लेकर करीब 10 साल पहले दायर परिवाद को खारिज कर दिया। वर्तमान में कटारिया पंजाब के राज्यपाल, खींवसर राजस्थान सरकार में मंत्री एवं वीनू गुप्ता रेरा चैयरपर्सन हैं।

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अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-11 ने आदेश में कहा कि परिवादी संजय छाबड़ा ने परिवाद के साथ कोई विशेष साक्ष्य पेश नहीं किए हैं, सिर्फ मौखिक आरोप लगाए हैं। ऐसे में परिवाद को नहीं चलाया जा सकता।

यह था आरोप

परिवाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, तत्कालीन मंत्री राजेंद्र राठौड़, गुलाब कटारिया व गजेन्द्र सिंह खींवसर तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के तत्कालीन अधिकारी सीएस राजन, वीनू गुप्ता व अन्य के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ मिलकर पद का दुरुपयोग किया और महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा को फायदा पहुंचाया।

आरोपियों ने महिंद्रा लाइफ स्पेस डवलपर्स लिमिटेड के आधा दर्जन से अधिक अकारियों से मिलकर महिंद्रा सेज सिटी की सड़क, पार्क और स्कूल के लिए आरक्षित जमीन का लैंड यूज बदल दिया। इसके लिए तत्कालीन उद्योग सचिव वीनू गुप्ता ने भू उपयोग परिवर्तन के संबंध में प्रस्ताव तैयार किया और तत्कालीन मुख्य सचिव सीएस राजन ने प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेज दिया।

आरोपियों ने कैबिनेट मीटिंग में महिंद्रा वर्ल्ड सिटी की सामाजिक आधारभूत संरचना की एक हजार एकड़ भूमि को घटाकर 446 एकड़ कर दिया और करीब पांच सौ एकड़ जमीन लाईफ स्पेस डवलपर्स को निजी फायदे के लिए दे दी गई। इस दौरान भूमि रूपान्तरण पर लगने वाले चार्ज की छूट के संबंध में वित्त विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई। परिवाद में राजकोष में करीब पांच हजार करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।

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