Fake Seeds: फिलहाल घटिया उत्पाद बनाने पर लाइसेंस निरस्त करने का नियम तो है, लेकिन किसानों को हुए वास्तविक नुकसान की भरपाई का कोई प्रावधान नहीं है।
Farmers Compensation: जयपुर। फिलहाल घटिया उत्पाद बनाने पर लाइसेंस निरस्त करने का नियम तो है, लेकिन किसानों को हुए वास्तविक नुकसान की भरपाई का कोई प्रावधान नहीं है। अमानक उत्पाद न केवल उत्पादन घटाते हैं बल्कि जमीन की उर्वरता पर भी बुरा असर डालते हैं। जब तक कंपनियां किसानों के इस दोहरे नुकसान की जिम्मेदारी नहीं लेंगी, तब तक इस ठगी पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाएगी।राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अमानक खाद, बीज और दवाइयों से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई इन्हें बनाने वाली कंपनियों से कराने का कानूनी प्रावधान करने की मांग रखी।
कुछ दिन पहले ही केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर उन्होंने अमानक खाद, बीज और कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग की थी, जिस पर सहमति भी मिल चुकी है। अब उनकी मांग है कि इस प्रस्तावित कानून में किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा भी कंपनियों से वसूला जाए। किसी भी प्रदेश का कृषि मंत्री इस तरह की मांग पहले कभी सामने नहीं लाया है, जिससे यह पहल ऐतिहासिक मानी जा रही है।
डॉ. किरोड़ी ने हाल ही में हुई एक बड़ी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि सोयाबीन फसल में नकली दवाई डालने से किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी। इस पर संबंधित कंपनी का लाइसेंस तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया गया और राजस्थान में भी कार्रवाई की गई। किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और दोषी कंपनियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।