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Cow Sanctuary: सरकार की बड़ी पहल, हर पंचायत में खुलेगी गौशाला, पीपीपी मॉडल पर बनेगा गौ अभयारण्य

Gaushala in every panchayat: सरकार पीपीपी मोड पर गो अभयारण्य बनाने को तैयार है। इसके लिए किसी भी संस्था या भामाशाह का स्वागत है। पशुपालकों से अपील की कि लंपी रोग की रोकथाम के लिए गायों का वैक्सीनेशन अवश्य करवाएं।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Aug 19, 2025

Cow

Cow Shelter Scheme: जयपुर। पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने मंगलवार को बीकानेर जिला परिषद सभागार में गौशाला संचालकों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि हर ग्राम पंचायत पर गौशाला खुले और इसके संचालन में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी। बैठक में गौशाला संचालकों की समस्याएं सुनी गईं और ज्यादातर का मौके पर ही समाधान कर दिया गया।

पीपीपी मोड पर गो अभयारण्य की योजना

सरकार पीपीपी मोड पर गो अभयारण्य बनाने को तैयार है। इसके लिए किसी भी संस्था या भामाशाह का स्वागत है। पशुपालकों से अपील की कि लंपी रोग की रोकथाम के लिए गायों का वैक्सीनेशन अवश्य करवाएं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिले की सभी गौशालाओं में लंपी रोग का वैक्सीनेशन पूरा कर दिया गया है।

सेक्स सोर्टेड सीमन योजना अंतर्गत 10 लाख डोज वितरण

सेक्स सोर्टेड सीमन योजना पर भी चर्चा की गई। इस साल 10 लाख डोज सीमन का वितरण किया जाएगा, जबकि पिछले साल 2 लाख डोज बांटे गए थे। इसकी खासियत यह है कि इससे बछड़ी पैदा होने की संभावना 90 प्रतिशत रहती है। यह सीमन बाजार में 1200 रुपए में उपलब्ध है, लेकिन राज्य सरकार किसानों को केवल 70 रुपए में उपलब्ध करवा रही है।

ब्राजील की गिर गाय का मंगवाया सीमन

देशी गायों की नस्ल को बढ़ावा देने के लिए ब्राजील की गिर गाय का सीमन मंगवाया गया है। ब्राजील की गिर गाय 40-50 लीटर दूध देती है जबकि भारतीय गिर गाय 10-15 लीटर दूध देती है। इसी दिशा में आगे और डिमांड केंद्र सरकार को भेजी गई है।

बीमार पशुओं के लिए 1962 पर कॉल, घर-घर पहुंचेगी मोबाइल वेट यूनिट

बैठक में मोबाइल वेटरनरी यूनिट की सेवाओं पर भी चर्चा हुई। बीकानेर जिले में 26 मोबाइल गाड़ियां पशुओं का निशुल्क इलाज कर रही हैं। एक कॉल 1962 पर करने से डॉक्टर और दवा सहित यह गाड़ी घर तक पहुंचती है। अब यह सेवा गौशालाओं के लिए भी शुरू की गई है।

मोबाइल वेटरनरी यूनिट और मंगला पशु बीमा योजना से लाभ

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत बीमा करवाने पर पशु की मृत्यु की स्थिति में 40 हजार रुपये का क्लेम मिल सकेगा। मृत पशुओं के निस्तारण के लिए गांव से बाहर आरक्षित भूमि पर गड्ढे खोदकर व्यवस्था की जा सकती है।