QR Code Scam : राजस्थान में साइबर क्राइम एक नया ट्रेंड चल गया है। अलर्ट हो जाएं। क्यूआर कोड स्कैन करने पर हैकर्स कर रहे बैंक अकाउंट खाली। जानें पूरा मामला।
Cyber Crime New Trend : राजस्थान में क्यू आर कोड स्कैन करते ही खाली हो रहे बैंक अकाउंट। यह अपराध का एक नया ट्रेंड है। अधिक जानकारी हासिल करने के चक्कर में क्यूआर कोड स्कैन करने पर आपका खाता खाली हो सकता है। साइबर अपराधी अब क्यूआर कोड को हैकिंग और धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि लोगों में जागरुकता बढ़ी है, साथ ही साइबर अपराध के तरीके भी बदल रहे हैं। क्यूआर कोड फिशिंग के केस सामने आ रहे हैं। इसकी मदद से हैकर्स मोबाइल हैक कर पूरी जानकारी चुरा रहे हैं और खाता खाली कर रहे हैं।
इससे बचने के लिए नए साइबर क्राइम पैटर्न को समझना जरूरी है। यदि आप किसी वेबसाइट पर कुछ भी सर्च कर रहे हैं और वहां आपको क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए कहा जाए तो सतर्क रहने की जरूरत है।
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01- मोबाइल कैमरे से स्कैन किए जाने वाले क्यूआर कोड उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी वाली वेबसाइट पर ले जाते हैं।
02- हैकर्स इन वेबसाइट को वास्तविक ई-कॉमर्स, एडवरटाइजिंग और रेस्त्रां की वेबसाइट्स की तरह डिजाइन कर रहे हैं। यह असली वेबसाइट्स का प्रतिरूप होती हैं और व्यक्ति की निजी जानकारियां मांगती हैं।
03- यूजर्स से यूपीआई पिन या ओटीपी दर्ज करने के लिए भी कहा जाता हैं। इससे व्यक्तिगत, फोन डिटेल्स सहित अन्य जानकारी हैकर्स के पास चली जाती हैं।
बाइस गोदाम निवासी जैनम गुप्ता ने ऑनलाइन शॉपिंग की। आर्डर कंफर्म होने के एक दिन बाद पेमेंट फेल का मैसेज आया। कंपनी ने ईमेल पर क्यूआर कोड भेजकर वापस भुगतान करने के लिए कहा। भुगतान के बाद पता चला खाते से दो बार पैसे कट गए। ठगों ने नकली कंपनी से मेल भेजा था।
जवाहर नगर निवासी जानवी माथुर नौकरी की तलाश में थी। एक वेबसाइट पर दिए क्यूआर कोड स्कैन करने पर कई नौकरियों के बारे में पता चल रहा था। उसके 2-3 दिन बाद उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया और हैकर्स उनके दोस्तों व रिश्तेदारों से पैसों की मांग करने लगे।
1- 2023 से अब तक यूजर्स बढ़े - 2 करोड़।
2- 2023 में कुल शिकायतें - 30,00,0 से अधिक।
3- 2024 से अब तक शिकायतें - 80,00,0 से अधिक।
(यूनिकोड बेवसाइट की रिपोर्ट)
साइबर विशेषज्ञ गजेंद्र शर्मा ने बताया जब आप क्यूआर कोड स्कैन करे तो यह सुनिश्चित करने के लिए यूआरएल की जांच जरूर करें कि यह प्रामाणिक है या नहीं। कई बार हैकर्स असली यूआरएल की तरह डोमेन नाम बनाने की कोशिश करते हैं तो उसमें कई त्रुटियां और गलत अक्षर भी होते हैं, लेकिन उपयोगकर्ता ध्यान नहीं देते। क्यूआर कोड से कई ऐप्स भी डाउनलोड किए जा रहे हैं, जो फोन हैकिंग को आसान करते हैं।
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