Illegal Mining Prevention: राजस्थान को खनन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य, अवैध खनन पर मुख्यमंत्री सख्त। खनन क्षेत्र के विस्तार के लिए अत्याधुनिक तकनीक और एआई का उपयोग।
Rajasthan Mining: जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है और यह क्षेत्र रोजगार तथा आर्थिक विकास का मुख्य आधार है। उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में खान एवं पेट्रोलियम विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट किया कि खनिज संसाधनों के समुचित दोहन और समयबद्ध राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध खनन में शामिल किसी भी व्यक्ति को कड़ी कार्रवाई से बख्शा न जाए, ताकि राज्य में वैध खनन को बढ़ावा मिले और पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
राज्य सरकार रोजगार सृजन के लिए खनन सेक्टर को मजबूत करने के साथ-साथ अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने खनन नीलामी की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनाने, पुलिस–परिवहन–खान विभाग के समन्वय से संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने और अवैध खनन क्षेत्रों में ड्रोन सर्वे बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, खनन पट्टा क्षेत्रों और संवेदनशील स्थानों की जियोफेंसिंग को और प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया गया। बैठक में बताया गया कि अवैध खनन रोकने के लिए ई-रवन्ना, ई-टीपी के दुरुपयोग पर निगरानी टीम गठित की गई है तथा संवेदनशील क्षेत्रों में बॉर्डर होम गार्ड की तैनाती भी की जा रही है।
प्रदेश में बजरी के विकल्प के रूप में एम-सेण्ड को बढ़ावा देने के लिए एम-सेण्ड नीति 2024 लागू की गई है। इसके तहत नए प्लांट्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और सभी इकाइयों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। खनिज परिवहन में पारदर्शिता के लिए जीपीएस और आरएफआईडी युक्त वाहनों की अनिवार्यता की जा रही है। वे-ब्रिज पर स्टैंडर्ड सॉफ्टवेयर, सेंसर और एआई कैमरों के उपयोग जैसे नवाचार भी लागू किए जा रहे हैं, जिससे रॉयल्टी बढ़ाने और अवैध खनन पर सख्ती से नियंत्रण में मदद मिलेगी।