Rajasthan Politics: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपना सरकारी आवास खाली कर दिया और अब दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख अभय चौटाला के फार्महाउस में रहेंगे।
Rajasthan Politics: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपना सरकारी आवास खाली कर दिया और अब दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख अभय चौटाला के फार्महाउस में रहेंगे। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफे के 42 दिन बाद सोमवार शाम 6 बजे उन्होंने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव स्थित सरकारी बंगला छोड़ा।
दरअसल, उनके इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए थे, जिसमें हाउस अरेस्ट जैसे गंभीर आरोप भी शामिल थे। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। विपक्ष ने यह भी दावा किया था कि धनखड़ के इस्तीफे का संबंध जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से जुड़ा हो सकता है, लेकिन धनखड़ ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
बताते चलें कि धनखड़ और उनके परिवार का रिश्ता करीब 40 साल पुराना है। धनखड़ का चौटाला परिवार से यह रिश्ता 1980 के दशक से है, जब हरियाणा के दिग्गज जाट नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने धनखड़ को 'फ्यूचर लीडर' करार दिया था। धनखड़ देवीलाल को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।
सन 1989 में देवीलाल ने धनखड़ को झुंझुनूं लोकसभा सीट से टिकट दिया था और उनके लिए प्रचार भी किया था। धनखड़ ने यह चुनाव जीता और जब देवीलाल उपप्रधानमंत्री बने तो धनखड़ को केंद्र में मंत्री बनाया गया। बाद में, जब वीपी सिंह ने देवीलाल को मंत्रिमंडल से हटाया, तो धनखड़ ने भी उनके समर्थन में इस्तीफा दे दिया था।
जानकारी के अनुसार, धनखड़ तब तक अभय चौटाला के छतरपुर स्थित फार्महाउस में रहेंगे, जब तक उन्हें पूर्व उपराष्ट्रपति के तौर पर टाइप-8 सरकारी बंगला आवंटित नहीं हो जाता। सूत्रों ने बताया कि धनखड़ अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं, टेबल टेनिस खेल रहे हैं और योग का अभ्यास कर रहे हैं। उनके सामान का कुछ हिस्सा पहले ही छतरपुर फार्महाउस में शिफ्ट हो चुका है, जबकि बाकी सामान उपराष्ट्रपति आवास के एक फ्लैट में रखा गया है।
बताते चलें कि जगदीप धनखड़ ने हाल ही में, 30 अगस्त को राजस्थान विधानसभा सचिवालय में पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन के लिए आवेदन किया है। वे 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक रहे थे। जुलाई 2019 तक उन्हें पेंशन मिल रही थी, लेकिन पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने के बाद उनकी पेंशन बंद हो गई थी।
उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। इसमें एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से होगा। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने समय से पहले इस्तीफा दे दिया।